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चार मछली प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित की जाएगीं – वीरेन्द्र कंवर

Byjanadmin

Nov 27, 2018

शर्मा गैस एजंसी के माध्यम से बांटी गैस किटें

जनवक्ता डेस्क बिलासपुर
प्रदेश में मछुआरों के आर्थिक उत्थान के लिए प्रदेश सरकार द्वारा 34 करोड़ 50 लाख रूपए का प्रोजेक्ट केन्द्र सरकार स्वीकृति के लिए भेजा गया था जिसकी सैद्धांतिक स्वीकृति मिल गयी है। राशि के प्राप्त होने पर प्रदेश के मछुआरों के लिए 5 वर्ष के भीतर 200 से भी अधिक मकान, 250 के लगभग मच्छली पकड़ने के लिए किस्तियां और जाल उपलब्ध करवाएं जाएगें। यह जानकारी ग्रामीण विकास, पंचायती राज, पशु एवं मत्स्य पालन मंत्री वीरेन्द्र कंवर ने पियुंगलि (कोसरियां) में आयोजित एक दिवसीय मछुआरा सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए दी।
उन्होंने कहा कि मच्छली पालन में बढ़ौतरी सुनिश्चित बनाने के लिए इस वर्ष शतप्रतिशत 90 एम.एम का सिल्वर काॅर्प बीज डाला गया है। उन्होंने बताया कि पहले यह बीज बाहरी राज्यों से मंगवाया जाता था जो कि यहां के वातावरण के अनुकूल नही होता जिसके कारण अधिकांश बीज नष्ट हो जाता था। लेकिन अब इस बीज को स्थानीय स्तर पर बनाने की योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है ताकि अधिक से अधिक मछुआरों को लाभान्वित किया जा सके।
उन्होंने बताया कि पौंग डैम की तर्ज गोबिन्द सागर में भी सिल्वर काॅर्प की एक समान प्रणाली को लागू करने की भी व्यवस्था की जा रही है।
सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा कि हरित क्रांति, श्वेत व नीली क्रांति के माध्यम से 2022 तक किसानों की आय को दौगुना करने के लिए अनेकों योजनाओं को चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि किसानों, पशुपालकों और गरीबों की आय को किस प्रकार से बढ़ाया जाए सरकार द्वारा इस पर कार्य किया जा रहा है।

झंडूता विधानसभा क्षेत्र के विधायक जे.आर कटवाल ने कहा कि झंडूता विधानसभा क्षेत्र के विकास के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे है। विधानसभा क्षेत्र में प्रदेश सरकार ने विकास की जो गाथा आरंभ की है वह निरंतर जारी रहेगी।
पूर्व विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि गोबिन्द सागर झील को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के प्रयास किए जा रहे है ताकि मछुआरा वर्ग के युवाओं को मच्छली पालन के अतिरिक्त अन्य क्षेत्रों में भी स्वरोजगार के अवसर मिल सके।
निदेशक एवं प्रारक्षी मत्स्य सतपाल मैहता ने मुख्यातिथि तथा अन्य तिथियों का स्वागत करते हुए विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न गतिविधियों की रिपोर्ट प्रस्तुत की।
इस अवसर पर बेहतरीन मछली उत्पादन करने वाली सहकारी सभाओं को सम्मानित किया गया तथा मछुआरों को जाल वितरित किए गए।
मत्स्य सहकारी सभा दौबड़ ने मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए 51 सौ रूपए दिए। सम्मेलन में 34 मत्स्य सहकारी समितियों ने भाग लिया।
इस अवसर पर पूर्व मंत्री रिखी राम कौंडल, जिला अध्यक्ष राकेश गौतम, स्थानीय प्रधान कुलदीप कुमार, अध्यक्ष मत्स्य संघ मुनीर अख्तर, मीडिया प्रभारी सोनल शर्मा, दिनेश चंदेल, उप निदेशक पशु पालन विनोद कुंदी, उप निदेशक कृषि डा. डी.एस पंत, पीओ डीआरडीए संजीत सिंह, संयुक्त निदेशक मत्स्य श्याम लाल के अतिरिक्त अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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