देहरादू: कोरोना महामारी हर दिन नया रिकॉर्ड बना रही है। पूरे देश में कोरोना महामारी का रूप देख लोग दहशत में हैं। ऐसे में फ्रंट लाइन वॉरियर्स के रूप में दिन-रात लोगों की सेवा करने वाले स्वास्थ्य कर्मी और पुलिस इस महामारी से दो-दो हाथ कर रहे हैं। वहीं, उत्तराखंड पुलिस भी इस मामले में जनता से ज्यादा सतर्क नजर आ रही है।
उत्तराखंड पुलिस कोरोना महामारी पर रोक लगाने के लिए दिन-रात मुस्तैदी से जुटी हुई है। कोविड गाइडलाइन का पालन करवाने के लिए पुलिसकर्मी सड़कों से लेकर कंटेनमेंट जोन तक अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं। वहीं, कोरोना महामारी के दौरान ड्यूटी निभाने वाले पुलिसकर्मी भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय से मिले आंकड़ों के अनुसार मार्च 2020 से लेकर 3 मई 2021 तक 3199 पुलिसकर्मी कोरोना पॉजिटिव पाए गए। वहीं, कोरोना संक्रमण से अब तक 10 पुलिसकर्मियों ने अपनी जान गंवा दी है। वहीं, कोरोना काल में हुए हरिद्वार महाकुंभ में प्रदेश पुलिस अपनी ड्यूटी ईमानदारी से निभाती नजर आई। जनता की सुरक्षा में लगे फ्रंटलाइन वॉरियर्स ना सिर्फ स्वास्थ्य गाइडलाइन का पालन कराने में जुटे हैं, बल्कि खुद भी उसका पालन कर रहे हैं। यही नतीजा है कि वैक्सीन लगाने के साथ ही पुलिस कोरोना से खुद को बचाने के लिए सभी गाइडलाइनों का पालन कर रही है। मार्च 2020 से लेकर 23 मार्च 2021 कोरोना की प्रथम लहर में कुल 1981 पुलिसकर्मी कोरोना पॉजिटिव पाए गए। जबकि इस दौरान 8 पुलिस कर्मियों की मौत हो गई। वहीं, कोरोना की दूसरी लहर में 23 मार्च 2021 से 3 मई 2021 तक 1218 पुलिसकर्मी कोरोना संक्रमित हुए हैं। इस दौरान 2 पुलिसकर्मियों की मौत कोरोना से हो गई। जब कोरोना की दूसरी लहर देश भर में इतनी मारक साबित हो रही है तो ऐसे में प्रदेश में दिनरात सेवा में जूटे पुलिसकर्मियों पर कोरोना के कम मारक होने के पीछे प्रदेश पुलिस मुखिया अशोक कुमार की सूझ-बूझ को कहा जा सकता है। दरअसल अधिकतर पुलिस कर्मियों के फ्रंट लाइन वॉरियर्स के रूप में दिन-रात काम करने के चलते उनका वैक्सीनेशन हो चुका है।