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हिमाचल प्रदेश में श्वेत क्रांति का वाहक बना कामधेनु हितकारी मंच

Byjanadmin

Sep 28, 2018

प्रतिदिन 26000 लीटर दूध का एकत्रीकरण और वितरण

वार्षिक समारोह में सासंद अनुराग ठाकुर होंगे मुख्यातिथि

बिलासपुर
हिमाचल प्रदेश में श्वेत क्रांति के वाहक कामधेनु हितकारी मंच ने जहां 37 लीटर दूध के एकत्रीकरण से अपना कार्य 2001 में आरंभ किया था वहीं आज यह संस्था अपने सफर के 17 वर्ष पूरे कर रही है और इस समय प्रतिदिन 26000 लीटर दूध का एकत्रीकरण और वितरण किया जा रहा है । यह जानकारी कामधेनु हितकारी मंच के महासचिव जीत राम कौंडल ने बिलासपुर में पत्रकारों को संबोधित करते हुए दी। उन्होंने बताया कि एक समय इस संस्था के साथ आठ या दस कृषक परिवारों के 80 लोग जुड़े थे लेकिन आज बिलासपुर और सोलन जिले की 7 ग्राम पंचायतों के 300 गांव के 4000 परिवार इस संस्था के साथ जुड़े है।

उन्होंने बताया कि जहां अन्य राज्यों में दुग्ध उत्पादकों को 20 और 22 से अधिक दाम प्रति किलो नहीं मिल रहा वहीं इस समय कामधेनु हितकारी मंच अपने वाहन द्वारा दूध उत्पादकों के घर द्वार से एकत्र करके उन्हें 29 रूपए प्रति किलो से 40 रूपए प्रति किलो की कीमत दूध के स्तर अनुसार उपलब्ध करवा रही है । उन्होंने बताया कि 30 सितंबर को संस्था अपना वार्षिक उत्सव मना रही है जिसमें हमीरपुर के सांसद अनुराग ठाकुर मुख्य अतिथि के रूप में उन दुग्ध उत्पादकों को सम्मानित करेंगे जिन्होंने वर्ष पर बेहतर क्वालिटी का दूध और 20 लीटर की मात्रा को बरकरार बनाए रखा । उन्होंने बताया कि 15 अप्रैल 2012 को संस्था को हिमाचल गौरव पुरस्कार से भी हिमाचल सरकार द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। इस समय नम्होल में जो मिल्क पाश्चराइजेशन प्लांट संस्था चला रही है उसमें प्रतिदिन 30000 लीटर दूध की क्षमता है इसके अलावा संस्था ने 100 गांव में किसान क्लबों का गठन कर रखा है और कैटल फीड प्लांट द्वारा दुग्ध उत्पादकों को फीड की सुविधा भी दी जा रही है उन्होंने बताया कि छुट्टी वाले दिन तथा सांय पांच बजे के बाद सरकारी अस्पताल बंद हो जाते हैं लेकिन इस समय के बाद और रात को भी पशुपालकों को वेटरनरी की सुविधा उपलब्ध करवाना भी संस्था का उददेश्य बन गया है।

उन्होंने आगामी योजना के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि सोलन जिला के हरिपुर में 15000 लीटर प्रतिदिन क्षमता वाला एक पाश्चराइजेशन प्लांट संस्था शीघ्र लगाने जा रही है । उन्होंने कहा कि संस्था ने 4 क्लस्टर आरंभ किए हैं जिनमें काहली, मलोथी, पीपलूघाट और गंभरपुल शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इस समय पूरे देश में डेयरी व्यवसाय में लगे संगठनों एवं लोगों को भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने सरकार से यह आग्रह भी किया की दुग्ध उत्पादकों को घर द्वार पर बेहतर वेटरनरी सुविधाएं प्राप्त हो तथा डेयरी व्यवसाय संबंधी आधुनिक प्रशिक्षण की सुविधा मिले ऐसा कोई प्रबंध करना चाहिए। डनहोंने कहा कि इससे इस व्यवसाय के माध्यम से दुग्ध उत्पादक स्वावलंबी बन सकेंगे। इस तरह के कोर्स प्रदेश की सरकारी आईटीआई में चलाने की आज आवश्यकता है । उन्होंने जानकारी दी इस समय एनआईआईटी हमीरपुर के तीन हॉस्टलों में भी उनका दूध दहीं और पनीर सप्लाई किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कामधेनु हितकारी मंच के जो 15 संस्थापक सदस्य हैं वह इस संस्था में से एक पाई भी नहीं लेते और पूरी तरह से संस्था को समर्पित हैं। उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा का भी आभार प्रकट करते हुए कहा कि उस समय हिमाचल का वन मंत्री होते हुए उन्होंने मिड हिमालय परियोजना से संस्था को विकास में जन सहयोग के तहत 62 लाख की लागत से बनने वाले मिल्क पाश्चराइजेशन प्लांट को स्वीकृति दी थी जिसेस संस्था को बल मिला था। पत्रकार वार्ता में संस्था के अध्यक्ष नानक चंद व फाउंडर मेंबर लच्छुराम ठाकुर भी उपस्थित थे

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