राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने किसानों का आह्वान किया कि वे भारतीय नस्ल की गाय का पालन करें और सभी यह संकल्प लें कि देसी गाय का दूध व अन्य पदार्थ ही उपयोग में लायेंगे, तभी सही अर्थों में गाय का संरक्षण होगा। राज्यपाल आज सोलन जिला के सुबाथू के समीप कठनी में ध्यान योग एवं आयुर्वेद शोध संस्थान द्वारा निर्मित कामधेनु गौ सेवा सदन के शुभारंभ के अवसर पर उपस्थित जनमानस को संबोधित कर रहे थे।
आचार्य देवव्रत ने कहा कि आज हर व्यक्ति बीमार है, जिस का एक प्रमुख कारण उपयोग में लाये जाने वाले खाद्यान्नों में मिलावट का होना है। इसके कारण अनेक रोग भी बढ़ रहे हैं। हाल ही की एक रिपोर्ट से पता चलता है कि 50 प्रतिशत से अधिक दूध के उत्पाद व पदार्थ मिलावटी बिक रहे हैं। फल पर जहरीले पदार्थों का छिड़काव किया जा रहा है। इन्हीं सब रिपोर्टों को लेकर हिमाचल प्रदेश में शून्य लागत प्राकृतिक कृषि अभियान शुरू किया गया है। इस कृषि का आधार देसी गाय है। उन्होंने कहा कि न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों ने गाय के दूध पर शोध किया। उन्होंने भारतीय नस्ल की गाय के दूध को ए2 नाम दिया और जर्सी व अपने देश की गाय के दूध को ए1 नाम दिया। लेकिन, उनके शोध में पाया गया कि ए2 दूध मानव स्वास्थ्य के लिए अधिक लाभदायक एवं गुणकारी है।
आचार्य देवव्रत ने कहा कि देसी गाय के एक ग्राम गोबर से 30 एकड़ भूमि पर खेती की जा सकती है। भारतीय नस्ल की गाय के एक ग्राम गोबर में 300 करोड़ जीवाणु पाए जाते हैं और दूध न देने वाली गाय के एक ग्राम गोबर में 500 करोड़ तक जीवाणु पाए जाते हैं।
उन्होंने ध्यान योग एवं आयुर्वेद शोध संस्थान के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि लोक कल्याण की गतिविधियां जिन में योग इत्यादि शामिल हैं, का अभियान यहां से चलाया जा रहा है। समाज सुधार की दिशा में विचारवान लोगों को आगे बढ़ना है। यहां योग के माध्यम से लोगों को आध्यात्मिक लाभ देने का कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा, गौ पालन का जो कार्य यहां किया जा रहा है वह प्रशंसनीय है।
राज्यपाल ने गौ पालन की दिशा में अधिक प्रयास के लिए आश्रम को दो लाख रुपये देने की घोषणा भी की।
इससे पूर्व, राज्यपाल ने आयुर्वेद की दिशा में उत्कृष्ट कार्य कर रहे चिकित्सकों को पुरस्कृत भी किया।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने कठनी पधारने पर राज्यपाल का स्वागत करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति एवं परंपरा में गौ पालन को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। उन्होंने कहा कि भारतीय नस्ल की गाय जहां दूध भी अधिक देती हैं वहीं उसके गोबर एवं अन्य पदार्थ कृषि के लिए बहुपयोगी हैं। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के आह्वान एवं संकल्प को पूर्ण करने की दिशा में प्रदेश सरकार शून्य बजट आधारित खेती एवं देसी नस्ल की गाय के पालन को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश सरकार इस दिशा में प्राकृतिक खेती, खुशहाल किसान नामक योजना पर इस वित्त वर्ष में 25 करोड़ रुपये व्यय कर रही है। उन्होंने ध्यान योग एवं आयुर्वेद शोध संस्थान द्वारा विभिन्न माध्यमों से समाज सेवा के लिए किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा की।
ब्रह्ममूर्ति योग तीर्थ ने इस अवसर पर राज्यपाल तथा अन्य गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया।
राज्यपाल के सलाहकार डॉ. शशिकांत शर्मा, उपायुक्त सोलन विनोद कुमार, पुलिस अधीक्षक मधुसूदन तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।