फोरलेन विस्थापित समिति ने सरकार से मांग की है की सभी टूटी हुई सड़कों की तत्काल मुरम्मत करवाई जाए और विस्थापितों को उनकी भूमि का चार गुना मुवावजा दिया जाए जबकि उसमें कार्यरत सभी वर्गों के कर्मचारियों के वेतन की अदायगी सुनिश्चित की जाए |
कहा है कि किरतपुर से नेरचोक तक निर्माणाधीन फॉरलेन एक्सप्रेस हाई- वे का निर्माण पिछले दो वर्षों से अधिक समय से बंद पडा है जबकि इसे तीन वर्षों के भीतर निर्मित करके लोगों को समर्पित करने की घोषणा की गई थी | इसका सारा काम-काज ठप्प पडा है और अभी तक धरातल पर इसका पच्चास प्रतिशत काम भी पूरा नहीं हो पाया है | इस परियोजना में कार्यरत कर्मचारियों और वाहन तथा मशीनरी मालिकों को पिछले को एक वर्ष से से उनका वेतन और किराया –भाडा भी नहीं दिया गया है | क्षेत्र की सारी सड़कें ,रास्ते और पेयजल स्त्रोत आदि नष्ट होने के कारण लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है |
पूर्व मुख्यमंत्री प्रोफेसर प्रेमकुमार धूमल ने विधान सभा चुनाव से पूर्व विस्थापितों को आश्वासन दिया था की प्रदेश में भाजपा सरकार आने पर उन्हें उनका हक़ दिलवाया जाएगा और उन्हें केंद्र सरकार द्वारा दिए जाने वाले चार गुना मुवावजा को तत्काल देकर उन्हें लाभान्वित किया जाएगा ताकि उनके द्वारा देश हित में दी गई कुर्बानी के बदले उनका जीवन सुखद बनाने में उन्हें कुछ राहत मिल सके |प्रोफेसर धूमल ने यहाँ बिलासपुर में आयोजित चुनावी रैली में अपने संबोधन में कहा था कि उनकी समझ में नहीं आता कि केंद्र सरकार धन उपलब्ध करवा कर विस्थापितों को चार गुना मुवावजा देने को तैयार है, तो फिर न जाने प्रदेश की कांग्रेस सरकार अपने किसानों को इसे देने से क्यूं मना कर रही है और उनसे कियूं अन्याय करने पर तुली हुई है |
विस्थापित समिति के प्रधान रामसिंह ने कहाकि कुछ विस्थापितों को वकीलों के माध्यम से हज़ारों रूपये खर्च करके अदालतों में धक्के खाने पड़े हैं और न्याय पाने के लिए उन्हें दर- दर की ठोकरें खानी पड़ रही हैं | रामसिंह ने कहाकि सारे क्षेत्र की सभी ग्रामीण सड़कें टूट-फूट कर खराब हो गई हंी और लोगों को जान हथेली पर रख कर इन सडकों पर यात्रा करनी पड़ रही है और कितनी ही दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है |