जनवक्ता ब्यूरो शिमला
पिछले लगभग नौ वर्षों से तदर्थ आधार पर नियुक्त प्रधानाचार्यों को प्रदेश सरकार ने नियमित कर बड़ा तोहफा दिया है। ये प्रधानाचार्य लम्बे समय से अपनी नियमितिकरण का इन्तजार कर रहे थे। वर्ष 2008 के उपरान्त शिक्षा विभाग में प्रदेश सरकार द्वारा समय-समय पर मुख्याध्यापकों व प्रवक्ताओं से वरिष्ठता के आधार पर प्रधानाचार्यों की तदर्थ आधार पर नियुक्ति की गई, परन्तु इस अवधि के दौरान विभागीय पदोन्नति कमेटी की बैठक न होने के कारण इन्हें नियमित नियुक्ति नही मिल सकी, जिसके कारण इन्हें अभी तक पदोन्नति पर मिलने वाले वित्तीय लाभों से भी वंचित रहना पड़ा।
वर्तमान सरकार में शिक्षा मंत्री का कार्यभार सम्भालते ही सुरेश भारद्वाज के ध्यान में जब यह मामला आया तो उन्होंने विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को इन तदर्थ प्रधानाचार्यों को नियमित करने के लिए विभागीय पदोन्नति कमेटी की बैठक बुलाने के निर्देश दिए जिसके चलते गत माह वर्ष 2008 में तदर्थ आधार पर नियुक्त 836 प्रधानाचार्यों को नियमित किया गया।
सुरेश भारद्वाज के निर्देश पर ही गत दिनों विभाग की पदोन्नति कमेटी की बैठक आयोजित की गई जिसमें वर्ष 2009 से 2011 तक तदर्थ आधार पर नियुक्त 544 प्रधानाचार्यों को नियमित किया गया।
शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि शिक्षा विभाग में पिछले लम्बे समय से प्रधानाचार्यों की तदर्थ आधार पर ही नियुक्ति हो रही थी, जिस कारण जहां इन प्रधानाचार्य को वित्तीय लाभों से भी वंचित रहना पड़ रहा था वहीं उनके मनोबल पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा था। उन्होंने कहा कि सरकार ने अब वर्ष 2018 तक तदर्थ आधार पर नियुक्त सभी प्रधानाचार्यों को नियमित करने का निर्णय लिया है, जिसके लिए चरणबद्ध तरीके से विभाग द्वारा विभागीय पदोन्नति कमेटी के बैठकें की जा रही है। उन्होंने कहा कि नियमित हुए सभी प्रधानाचार्यों को तदर्थ आधार पर नियुक्ति की तिथि से वित्तीय लाभ प्रदान किए जाएंगे।
शिक्षा मंत्री ने शिक्षकों से राज्य सरकार के गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के प्रयासों में ईमानदारी व समर्पण की भावना के साथ अध्यापन कार्य का निर्वहन करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि बेहतर परिणाम देने के साथ बच्चों में नैतिक मूल्यों का संचार करना भी शिक्षकों की जिम्मेदारी है।