भारतीय गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी शल्य चिकित्सा एसोसिएशन के 28वें वार्षिक सम्मेलन का शुभारम्भ
पीजीआई के निदेशक प्रो. जगत राम ने इस अवसर पर राज्यपाल का स्वागत किया
जनवक्ता ब्यूरो शिमला
पीजीआईएमआर चण्डीगढ़ के सर्जिकल गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी विभाग द्वारा आयोजित भारतीय गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी शल्य चिकित्सा एसोसिएशन के 28वें वार्षिक सम्मेलन का शुभारम्भ करते हुए राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि स्वस्थ रहना जीवन का आधार है और चिकित्सक हमें स्वस्थ रहने का तरीका बताते हैं।
उन्होंने कहा कि डॉक्टर हमें बेहतर जीवन जीने की प्रणाली, विधि और मॉडयूलर देते हैं, जो मानवता के प्रति महान सेवा है। उनकी ईमानदारी, समर्पण और अपनापन के कारण ही उन्हें भगवान का दर्जा दिया गया है।
राज्यपाल ने कहा कि इस प्रकार से सम्मेलन प्रतिनिधियों के लिए एक बेहतर अवसर प्रदान करते हैं, जिनमें उनकी दिमागी कसरत तथा चिकित्सा विज्ञान पर मंथन होता है।
उन्होंने कहा कि पीजीआई चण्डीगढ़ देश का एक प्रतिष्ठित संस्थान है, जिसका रोगियों के उपचार, शिक्षा व अनुसंधान में उत्कृष्टता का इतिहास है। उन्होंने कहा कि हिमाचल, पंजाब, हरियाणा तथा साथ लगते राज्यों से बड़ी संख्या गम्भीर रोगी संस्थान में एक उम्मीद लेकर उपचार के लिए आते हैं और संस्थान उनकी अपेक्षाओं को पूरा करता है।
राज्यपाल ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान चिकित्सा विज्ञान का शोध एवं तकनीकी के माध्यम से विकास हुआ है, लेकिन दूसरी ओर रोगियों की संख्या कई गुणा बड़ी है और हमें इस पर चिन्तन करना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि हमें अपनी जीवन शैली में बदलाव लाना चाहिए और प्रकृति की व्यवस्था का अनुसरण करना चाहिए।
पीजीआई के निदेशक प्रो. जगत राम ने इस अवसर पर राज्यपाल का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के सम्मेलन गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी शल्य चिकित्सा के क्षेत्र में भविष्य के दिशा निर्देशों पर विचार विमर्श के लिए मंच प्रदान करते हैं। उन्होंने विभिन्न शल्य चिकित्सा में लागू की जा रही रोबोटिक तकनीकों बारे में भी जानकारी दी।
एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. पियूष शानी ने राज्यपाल का स्वागत किया जबकि संगठन सचिव डॉ. राजेश गुप्ता ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा।