जनवक्ता ब्यूरो शिमला
वन, परिवहन, युवा सेवाएं एवं खेल मन्त्री गोविन्द सिंह ठाकुर ने आज यहां कहा कि शिमला शहर के लोगों को उत्पाती बन्दरों से शीघ्र निजात मिलेगी।
गोविन्द सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्य मंत्री जय राम ठाकुर के नेतृत्व में प्रदेश में नई सरकार के गठन के उपरान्त राज्य वन्यप्राणी विभाग ने शिमला शहर सहित अन्य सभी स्थानों में जंगली जानवरों तथा बन्दरों के उत्पात से लोगों को निजात दिलाने के लिए एक कार्य योजना तैयार की है। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत शिमला शहर में बन्दरों को पकड़ने तथा उनकी नसबंदी के लिए गत जुलाई माह में एक बैठक आयोजित कर चार दल गठित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इन दलों ने शिमला शहर के बन्दरों की गणना, व्यवहार तथा उनके खान-पान की आदतों के अध्ययन का कार्य जुलाई माह में आरम्भ कर दिया था। उन्होंने कहा कि इन दलों ने शिमला नगर निगम के 34 वार्डों में बन्दरों के व्यवहार का अध्ययन किया तथा गत सितम्बर माह तक शहर के 31 वार्डों में 1700 से अधिक बन्दरों की संख्या दर्ज की गई है।
वन मंत्री ने कहा कि इन दलों ने अपने अध्ययन में पाया कि बन्दर अपने भोजन के लिए शहर के कुड़ेदानों पर निर्भर है तथा बन्दर तकरीबन 90 प्रतिशत भोजन कूड़ेदानों से ही प्राप्त करते हैं। इस का संज्ञान लेते हुए उन्होंने शिमला शहर वासियों से आग्रह किया है कि वे अपने घरों से बचा हुआ खाना व अन्य खाद्य पदार्थ कूड़ेदानों में न डाले जिससे बन्दर अपने प्राकृतिक आवासों की ओर फिर से जाना प्रारम्भ करेंगे।
गोविन्द सिंह ठाकुर ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश का वन्य प्राणी विभाग शिमला में बन्दर पकड़ने वाले तीन दलों के साथ बन्दर पकड़ने का कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि अभी तक तकरीबन 250 बन्दरों को पकड़ कर नसबन्दी केन्द्रों तक पहुंचा जा चुका है। उन्होंने कहा कि शेष बन्दरों को पकड़ने का कार्य प्रगति पर है।
उन्होंने कहा कि शिमला के आस-पास एक बन्दर अभ्यारण्य स्थल स्थापित करने के लिए सरकार प्रयासरत है, जिससे कि नसबन्दी के उपरान्त बन्दरों को इस अभ्यारण्य स्थल में पुनर्वासित किया जा सके।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की वर्तमान सरकार मुख्य मंत्री जय राम ठाकुर के दूरदर्शी नेतृत्व में किसानों, बागवानों तथा आम जनता के हितों व उनकी सुरक्षा के प्रति संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में कई कदम उठाए गए है, जिसके चलते प्रदेश के लोगों को राहत मिली है।