कर्मचारियों से निरंतर हो रहे अन्यायों को समाप्त करवाने को आवाज बुलंद करें
जनवक्ता ब्यूरो, बिलासपुर
हिमाचल प्रदेश राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के प्रमुख नेता एवम् पूर्व राज्य अध्यक्ष रामसिंह ने उन कुछ तथाकथित कर्मचारी नेताओं से आग्रह किया है कि वे राज नेताओं और उच्चाधिकारियों की परिक्रमा करने की बजाये महासंघ के पूर्व नेताओं के बलिदानों से अर्जित पंजाब वेतनमानों और अन्य भत्तों को सहित अन्य सभी आर्थिक लाभों को तुरंत कर्मचारियों को दिए जाने और उनसे निरंतर हो रहे अन्यायों को समाप्त करवाने के लिये अपनी आवाज बुलंद करें ताकि पूर्व कांग्रेस सरकार के समय से रुके पड़े आर्थिक लाभ उन्हें मिल सकें ।
रामसिंह ने कहा कि कुछ तथाकथित कर्मचारी नेता शिमला में कार्यरत होने के कारण प्रायः हर रोज अपने कार्यालयों में कार्य करने की बजाये रात-दिन अपनी ब्यक्तिगत स्वार्थ पूर्ति करने और ब्यक्तिगत लाभों को अर्जित करने के लिए सचिवालय में बड़े राज नेताओं और उच्च अधिकारियों की चमचागिरी करने और उन्हें विभिन्न बहानों से गुमराह करके कर्मचारियों के हितों से खिलवाड़ करने के अभ्यस्त हो गए हैं , हालांकि वे जानते हैं कि उन्हें किसी भी कर्मचारी का कोई समर्थन प्राप्त नहीं है । उन्होंने खेद ब्यक्त कियाकि जिस कर्मचारी महासंघ के हर दो वर्ष बाद विधिवत रूप से चुनाव होते थे और जिसकी ताकत से सरकारें कांपती थी आज उस महासंघ को कुछ कथित नेताओं ,जिनका कभी भी कर्मचारियों के हितों की रक्षा में कोई बलिदान और योगदान नहीं रहा है , ने इस महासंघ को सरकार और राजनेताओं की कठपुतली बना डाला है । रामसिंह ने कहा है है कि प्रदेश के कर्मचारियों को जनवरी ,2016 से पंजाब वेतन मानदेय हैं , किन्तु पंजाब सरकार और प्रदेश सरकार इस मामले में चुप्पी साधे हुए है । जबकि कितने ही ऐसे आर्थिक लाभ हैं जो प्रदेश के कर्मचारियों को पंजाब के समान नहीं मिल पा रहे हैं और कर्मचारियों को प्रतिवर्ष लाखों रुपयों की हानि उठानी पड़ रही है । उन्होंने मांग की कि जनवरी, 2006 से 4-9-14 वर्ष सेवा लाभ , पंजाब के आधार पर चिकित्सा भत्ता और लंबित बिलों का भुगतान , पुरानी पेंशन योजना को लागू करने , सभी कर्मचारियों – जिन्होंने अपने तीन वर्ष पूरे कर लिए हैं उन्हें नियमित करने , सभी खाली पड़े पदों को समाप्त करने की बजाये तुरंत भरने , सभी राजनैतिक उत्पीडनों को, पिक और चूज के आधार बनाए बिना ,तुरंत समाप्त करने , पूर्व मुख्यमंत्री प्रोफेसर धूमल द्वारा चुनाव से पूर्व किये सभी वादों को पूरा करने , वेतनमानों में हुई विसंगतियों को दूर करने और स्थानार्न्त्ण कानून बनाने सहित अन्य सभी लंबित मांगों को तुरंत लागू करने के आदेश दिए जाएँ ।
रामसिंह ने कहा कि बेरोजगारी के कारण पढ़े- लिखे युवक- युवतियों में भारी निराशा है इसलिए खाली पदों को उनसे भरने में प्राथमिकता दी जानी चाहिए जबकि रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए कोई कदम उठा कर ठोस नीति बनाई जानी चाहिए ताकि इस विकराल बनती स्थिति पर काबू पाया जा सके ।