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स्वास्थ्य के क्षेत्र में राज्य के प्रयासों को केंद्र सरकार ने सराहा

Byjanadmin

Oct 9, 2018

स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार ने द्वितीय सम्मेलन में लिया भाग

जनवक्ता ब्यूरो शिमला
स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित असैस टू मेडिकल प्रोड्क्टस-अचिविंग द एसडीजीएस-2030 के द्वितीय विश्व सम्मेलन में भाग लिया। सम्मेलन की अध्यक्षता केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने की जबकि केंद्रीय राज्य स्वास्थ्य मंत्री अश्वनी कुमार चौबे भी इस अवसर पर उपस्थित थे। यह सम्मेलन नई दिल्ली स्थिति प्रवासी भारतीय केंद्र में आयोजित किया गया। स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में गुणात्मक चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने के लिए वचनबद्ध है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में राज्य के प्रयासों को केंद्र सरकार द्वारा भी सराहा गया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना को लागू किया गया है और इसके तहत राज्य के 22 लाख लोग लाभान्वित होंगे। राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के अन्तर्गत 4,83,693 परिवार पंजीकृत हैं। उन्होंने कहा कि योजना के तहत इलाज के लिए पंजीकृत 175 निजी चिकित्सा संस्थानों को सूचीबद्ध किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के दूर-दराज के 50 स्वास्थ्य उप-केन्द्रों को टेलीमैडीसन सुविधा के अन्तर्गत लाया गया है। लाहौल-स्पिति के बाद अब पांगी व किन्नौर में भी यह सेवा आरंभ की गई है। उन्होंने कहा कि बिलासपुर जिले के कोठीपुरा में एम्स की स्थापना के लिए 1351 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है जिसके लिए सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया भी लगभग पूरी कर ली गई है। उन्होंने कहा कि राज्य में ‘मुख्यमन्त्री चिकित्सा सहायता कोष’ का गठन किया गया है ताकि विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं के लाभ से वंचित लोगों को इससे सहायता प्रदान की जा सके।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश उत्तरी भारत का ऐसा पहला राज्य है जहां बाईक एम्बुलेंस सेवा आरम्भ की गई है। यह सेवा फस्ट रिस्पांडर बाईक के नाम से भी जानी जाती है। इस सेवा की सुविधा दुर्घटना और आपात स्थिति में 108 नम्बर पर कॉल कर प्राप्त की जा सकती है। ऐसे क्षेत्रों में, जहां चौपहिया वाहन नहीं पहुंच पाते, एम्बुलेंस बाईक आपात स्थिति मंा मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाती है।
उन्होंने कहा कि राज्य में ‘निःशुल्क दवा नीति’ के अन्तर्गत सरकार द्वारा राज्य में पहले 66 दवाएं निःशुल्क प्रदान किए जा रही थीं और अब निःशुल्क दवाओं की संख्या को 330 तक बढ़ाया गया है।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में हमारे प्रदेश के बहुत से मानक देश के अन्य राज्यों की तुलना में काफी बेहतर हैं। मातृ-शिशु मृत्यु दर की बात हो, चिकित्सकों व पैरा मेडिकल का आबादी से अनुपात की बात हो या फिर जनसंख्या नियंत्रण की बात हो, हम काफी बेहतर कार्य कर रहे है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि जिस प्रकार हम योजनाएं बना रहे हैं निकट भविष्य मं् हम प्रदेश को स्वास्थ्य के क्षेत्र में देश का एक आदर्श राज्य बनाने में कामयाब होंगे।

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