जनवक्ता ब्यूरो शिमला
राज्य के स्कूलों के पुराने विद्यार्थियों और अब कार्पोरेट दुनिया में विभिन्न प्रतिष्ठानों में शीर्ष पदों पर आसीन व्यक्तियों को विद्यार्थियों के लिए आदर्श, प्रेरक व मार्गदर्शक के रूप में कार्य करना चाहिए ताकि वे अपने जीवन में उत्कृष्टता हासिल कर सके। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने यह बात आज यहां अखण्ड शिक्षा ज्योति-मेरे स्कूल से निकले मोती के तहत प्रदेश के स्कूलों से शिक्षा प्राप्त विभिन्न क्षेत्रों में नाम अर्जित करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित करने के लिए आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कही। कार्यक्रम का आयोजन शिक्षा विभाग द्वारा किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पहल से न केवल राज्य के सरकारी स्कूलों में घटती नामांकन दर कम करने में सहायता मिलेगी बल्कि स्कूलों में शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थी कठिन परिश्रम करने के लिए प्रेरित होंगे। उन्होंने कहा कि इन प्रतिष्ठित विद्यार्थियों को प्रदेश के स्कूलों का दौरा करना चाहिए तथा स्कूलों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को करियर परामर्श व सफलता की कहानियों का आदान-प्रदान कर कठिन परिश्रम के लिए प्रेरित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, लेकिन उन्हें केवल सही दिशा देने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने नई मेधा प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत राज्य के ऐसे 500प्रतिभावान विद्यार्थियों को आईआईटी, एनईईटी, आईआईआईटी, आईआईएम, जेईई, आईएएस तथा एचएएस इत्यादि विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए एक लाख रुपये प्रति विद्यार्थी प्रदान करने का निर्णय लिया है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि उद्यमियों को युवाओं को कार्पोरेट जगत में नौकरियों के अवसरों की जानकारी प्रदान करनी चाहिए और प्रदेश में बढ़ती बेरोज़गारी की समस्या से निपटने के लिए राज्य के चयनित 10 कॉलेजों में स्थापित उत्कृष्टता केन्द्र एवं इनक्यूबेशन केन्द्रां के माध्यम से इन युवाओं के करियर प्रोफाइलिंग में सहायता की जाएगी। उन्होंने कहा कि वे कॉलेज विद्यार्थियों के साथ मित्र की तरह व्यवहार करेंगे और उन्हें आज के दौर में गतिशील नौकरी बाजार में रोज़गार प्राप्त करने के बारे में मार्गदर्शन और सहायता करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी स्कूलों का विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट स्थान प्राप्त करने वाले उत्कृष्ट विद्यार्थी तैयार कर प्रदेश व समाज के विकास में महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कहा कि आज अभिभावकों को अपने बच्चों को निजी स्कलों में दाखिल करने का जुनून है और अब राज्य सरकार ने अभिभावकों को अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में दाखिल करने के लिए प्रेरित करने को प्रथम चरण में 3391 सरकारी स्कूलों में नर्सरी कक्षाएं आरम्भ करने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य की बागडोर संभालने के उपरान्त समाज के सभी वर्गों के लिए विभिन्न योजनाएं आरम्भ की हैं। उन्होंने कहा कि अखण्ड शिक्षा ज्योति-मेरे स्कूल से निकले मोती इनमें एक है। इस योजना का उद्देश्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों से निकले प्रतिभावान पुराने विद्यार्थियों को सम्मानित करना व उनको स्कूल के साथ जोड़ना है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कार्पोरेट दुनिया के 12 वरिष्ठ प्रबन्धक एवं प्रदेश के पूर्व विद्यार्थियों को सम्मानित किया। उन्होंने युवाओं के लिए अपना योगदान देने के लिए आभार व्यक्त किया।
शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि अखण्ड शिक्षा ज्योति-मेरे स्कूल से निकले मोती कार्यक्रम राज्य के गतिशील मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर की सोच है। वह चाहते हैं कि प्रदेश के स्कूलों से निकले विद्यार्थियों को सम्मानित किया जाए, जिन्होंने कार्पोरेट दुनिया में विशेष स्थान हासिल किया है। उन्होंने कहा कि हमारे देश को विश्व गुरू के रूप में जाना जाता था परन्तु सदियों की दासता के कारण यह स्थिति नहीं रह पाई, ऐसे में अब प्रत्येक का यह दायित्व बनता है कि इस गरिमामयी स्थिति को पुनर्बहाल करने के लिए मिल-जुलकर कार्य करें।
अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. श्रीकांत बाल्दी, निदेशक उद्योग राजेश शर्मा तथा राज्य के विभिन्न महाविद्यालयों के प्राचार्य भी इस अवसर पर उपस्थित थे।