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मुख्यमंत्री का युवा पीढ़ी में मानसिक रिज़िल्यन्स विकसित करने बल

Byjanadmin

Oct 10, 2018


जनवक्ता ब्यूरो शिमला
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां मानसिक स्वास्थ्य एवं पुनर्वास अस्पताल में आयोजित विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहा कि आज की वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए युवा पीढ़ी को मानसिक तौर पर सुदृढ़ करना अनिवार्य है। इससे न केवल किशोरावस्था में स्वास्थ्य सुधार में सहायता मिलेगी बल्कि हमारी आर्थिकी भी सुदृढ़ होगी।
जय राम ठाकुर ने कहा कि युवावस्था में व्यस्कों में जागरूकता लाने में समाज को शामिल करने की आवश्यकता है ताकि व्यस्क युवा अपने मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल कर सकें। उन्होंने कहा कि बचपन के व्यवहार संबंधी विकार किशोरावस्था में बीमारी के छः प्रमुख कारणों में से एक है और इस तरह के व्यवहार की पुनरावृत्ति से अति सक्रिय व विनाशकारी व्यवहार हो सकता है।
उन्होंने कहा कि नशीली दवाइयों का दुरूपयोग एक वैश्विक समस्या है और युवा पीढ़ी पर तनाव के कारण हमारा देश व राज्य इसका अपवाद नहीं है। उन्होंने कहा कि इस सामाजिक बुराई को समाप्त करने के लिए संयुक्त व ईमानदार प्रयासों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इस सामाजिक बुराई को रोकने के लिए संयुक्त रणनीति तैयार करने के लिए उनके प्रयासों से चण्डीगढ़ में चार पड़ोसी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में अन्य तीन राज्य के अधिकारी भी शामिल हुए।
जय राम ठाकुर ने कहा कि इस वैश्विक समस्या से निपटने के लिए कोई भी रणनीति बनाते समय विशेषकर विद्यार्थियों और युवाओं को लक्षित किया जाना चाहिए। नशीली दवाइयों के दुरूपयोग से संबंधित दुष्प्रभावों के बारे में स्कूलों में प्रातःकालीन सभा में जागरूक किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि नशीली दवाइयों की जकड़ में आए विद्यार्थियों के लिए मित्र प्रणाली को आरम्भ किया गया है और नशे के आदी युवाओं के पुनर्वास पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। इसके लिए चिकित्सकों, परामर्शदाताओं व अन्य कर्मचारियों का प्रशिक्षण सुनिश्चित बनाया जाना चाहिए ताकि वे पुनर्वास केन्द्रों में सही प्रकार कार्य कर सके। उन्होंने कहा कि राज्य में और पुनर्वास केन्द्र स्थापित किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर विद्यार्थियों को नशे से दूर रहने की शपथ दिलाई।
उन्होंने अस्पताल की वेबसाइट को भी आरम्भ किया और अस्पताल का दौरा कर उपचाराधीन मरीजों के साथ बातचीत की।
शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि युवा पीढ़ी के दिमाग पर प्रतियोगी परीक्षाओं का बढ़ता बोझ दुभाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि युवाओं विशेषकर किशोर विद्यार्थियों पर अपनी पढ़ाई में बेहतर प्रदर्शन के दबाव के कारण अधिक मानसिक तनाव रहता है।
निदेशक स्वास्थ्य डॉ. बलदेव ठाकुर ने कहा कि विश्वभर में मानसिक तनाव से लगभग 45 करोड़ लोग पीड़ित हैं।
इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. रवि शर्मा ने कहा कि मानसिक विकार भी अन्य बीमारियों की तरह एक बीमारी है, जिसका अन्य बीमारियों की तरह उपचार किया जा सकता है।
वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजय पाठक ने भी इस अवसर पर अपने विचार रखे।
नगर निगम शिमला की महापौर कुसुम सदरेट, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. अशोक शर्मा, राजकीय दंत महाविद्यालय शिमला के प्रधानाचार्य डॉ. अजय चौहान, उपायुक्त अमित कश्यप, पुलिस अधीक्षक ओमापति जमवाल, शिमला शहर के विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थी व अन्य इस अवसर पर उपस्थित थे।

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