जनवक्ता ब्यूरो शिमला
स्वास्थ्य, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री विपिन सिंह परमार ने आज नई दिल्ली में केन्द्रीय विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से भेंट कर प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तुत की गई 779 लाख रुपये की परियोजनाओं को शीघ्र स्वीकृति प्रदान करने का आग्रह किया।
उन्होंने अवगत करवाया कि हिमाचल विज्ञान प्रौद्योगिकी और पर्यावरण परिषद द्वारा भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग को ज़िला मण्डी के राजकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज सुन्दरनगर में प्रौद्योगिकी प्रदर्शन केन्द्र आरम्भ करने के लिए 500 लाख रुपये का एक प्रस्ताव भेजा है। उन्होंने कहा कि यह केन्द्र सभी उपलब्ध प्रौद्योगिकियों को एक छत के नीचे लाएगा तथा इसके अतिरिक्त किसानों के लिए अल्पावधि पाठ्यक्रम आयोजित करने, पंचायतों एवं स्वयं सहायता समूहों के लिए जागरूकता कार्यक्रम, गैर सरकारी संस्थाओं व बेरोज़गार युवकों को प्रशिक्षण प्रदान करेगा, जिससे उनके लिए जीविका के साधन सृजित होंगे।
उन्होंने कहा कि परिषद ने भारत सरकार को छात्र परियोजना योजना के तहत 155 लाख रुपये की परियोजनाओं का प्रस्ताव भेजा है जिसका उद्देश्य वित्तीय सहायता प्रदान करके राज्य के कॉलेजों से निकले युवा स्नातक इंजीनियरों को विश्लेषणात्मक और तकनीकी दक्षता को बढ़ाना है। इसके तहत प्रतिवर्ष 8000 रुपये का अनुदान श्रेष्ठ 400 योजनाओं के लिए प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि तीन वर्ष की इस परियोजना की कुल लागत का वहन राज्य तथा केन्द्र सरकार द्वारा मिलकर किया जाएगा।
विपिन परमार ने आगे कहा कि 124 लाख रुपये के प्रस्ताव बायोटेक्नोलॉजी में कौशल विज्ञान के तहत भारत सरकार को प्रस्तुत किए गए हैं, जिसका मुख्य उद्देश्य सूक्ष्म जीव विज्ञान तकनीकी के कौशल को प्रदान करने के अतिरिक्त प्रशिक्षण के अन्य क्षेत्रों जैसे खाद्य, जल, फार्मास्यूटिकल, पर्यावरण, उद्योग आदि की पहचान की गई है। यह जीवन विज्ञान और जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में कुशल जनशक्ति पर ध्यान केन्द्रीत करेगा।
केन्द्रीय मंत्री ने विपिन परमार को अवगत करवाया कि प्रौद्योगिकी प्रदर्शन केन्द्र की स्थापना के लिए 500 लाख रुपये की प्रस्ताव को विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा स्वीकृत कर लिया गया है। उन्होंने राज्य को हरसंभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया।