• Tue. Nov 26th, 2024

सरकार राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल के तहत तीन कम्पनियां स्थापित करेगी : मुख्यमंत्री

Byjanadmin

Oct 13, 2018

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की चार योजनाओं की शुरूआत

जनवक्ता डेस्क बिलासपुर
राज्य सरकार आपदाओं के समय कुशल प्रतिक्रिया उत्पन्न करने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल की तर्ज पर राज्य में आपदा प्रतिक्रिया बल के अंतर्गत तीन कंपनियों की स्थापना करेगी। यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज अन्तर्राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण दिवस के मौके पर आज ओक ओवर में नागरिक सॉलिडेरिटी मार्च को रवाना करने तथा हि.प्र. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की चार योजनाओं की शुरूआत करने के उपरांत संबोधित करते हुए कही। मुख्यमंत्री द्वारा इस अवसर पर शुरू की गई चार योजनाओं में आपदा तैयारियों तथा प्रतिक्रिया के लिए युवा स्वयं सेवकों का कार्यबल सृजित करना, अस्पताल सुरक्षा के लिए योजना, भवनों की लाईफ के लिए ढांचागत सुरक्षा ऑडिट तथा खतरा प्रतिरोधी निर्माण पर मिस्त्रियों, तरखानों तथा बार बांइडर्स के लिए प्रशिक्षण योजना शामिल हैं। जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश देश के सर्वाधिक खतरनाक आपदा संभावित राज्यों में है। उन्होंने कहा कि राज्य में भूगर्भीय खतरों, भूकंप, भूस्खलन, बाढ़, फ्लैश बाढ़ और हिमनद विस्फोट जैसे जलविद्युत खतरों, ओलावृष्टि, सूखा तथा बादल फटने जैसी घटनाएं आम हैं। उन्होंने कहा कि यह आवश्यक है कि राज्य का प्रत्येक नागरिक आपदा के समय किसी प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहे।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आपदा तैयारी और प्रतिक्रिया के लिए युवा स्वयं सेवकों का एक कार्य दस्ता तैयार करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य की सभी 3226 ग्राम पंचायतों में प्रत्येक में कम से कम 10 से 20 युवा स्वयं सेवियों को आपदा से निपटने के लिए प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे किसी भी प्राकृतिक आपदा के समय तत्काल और त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित होगी। उन्होंने कहा कि आपदा के दौरान जान व माल को कम से कम नुकसान हो, इसके लिए जन जागरूकता तथा पूर्व तैयारियां आवश्यक हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा अस्पताल सुरक्षा के लिए शुरू की गई दूसरी योजना का उद्देश्य अस्पताल में सुरक्षा सुनिश्चित बनाना है, क्योंकि यह महत्वपूर्ण ढांचा है और किसी भी आपदा के अस्पताल सुरक्षा दल का क्रियाशील रहना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि लाइफलाइन भवनों की ढांचागत सुरक्षा ऑडिट योजना काफी महत्वपूर्ण है और इसका उद्देश्य राज्य में भूकंपरोधी संरचना प्रदान करना है। इसी प्रकार, खतरे प्रतिरोधी निर्माण पर मिस्त्रियों, तरखानों तथा बार बाइंडर्स के प्रशिक्षण के लिए योजना का उद्देश्य निर्माण कारीगरों को प्रशिक्षण प्रदान करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के आग्रह पर केन्द सरकार ने प्रदेश के लिए यहां की आपदा संभावित स्थलाकृति के दृष्टिगत राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया दस्ता स्वीकृत किया है। उन्होंने कहा कि लाहौल-स्पिति जिले में हाल ही की वर्षा और समय से पहले भारी बर्फबारी के कारण रोहतांग में हजारों की संख्या में स्थानीय लोग और सैलानी फंस गए थे। उन्होंने कहा कि राज्य तथा केन्द्र सरकार के सयुंक्त प्रभावी समन्वय के कारण सभी को सुरक्षित रूप से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सका। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने इन सभी फंसे हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने के लिए सात हैलीकॉप्टर प्रदान किए और सरकार हैलीकॉप्टर के माध्यम से 252 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में कामयाब हुई और साथ ही 2509 लोगों को रोहतांग सुरंग से सुरक्षित मनाली पहुंचाया गया।
जय राम ठाकुर ने कहा कि किसी भी प्राकृतिक आपदा के दौरान बेहतर समन्वय के लिए राज्य सरकार प्रदेश के किसी स्थान पर आपातकालीन संचालन केन्द्र की स्थापना करने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि सभी हितधारकों के मध्य जागरूकता फैलाने पर विशेष बल दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर हि.प्र. आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा तैयार की गई पुस्तिकाओं के अलावा के.आर. सैजल द्वारा लिखित पुस्तक ‘डिजास्टर मैनेजमेन्ट एण्ड एडमिनिस्ट्रेटिव प्रीपेयर्डनस’ का भी विमोचन किया।
उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह, शिमला नगर निगम की महापौर कुसुम सदरेट, मिल्क फेडरेशन के अध्यक्ष निहाल चंद शर्मा, अतिरिक्त मुख्य सचिव (राजस्व व लोक निर्माण) मनीषा नंदा, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव संजय कुंडू, उपायुक्त अमित कश्यप, पुलिस अधीक्षक ओमापति जमवाल, विशेष सचिव डी.सी. राणा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *