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हिमाचल में जन मंच बना सरकार से संवाद का माध्यम

Byjanadmin

Oct 14, 2018

परिणाम आधारित है जन मंच

जनवक्ता शिमला

हिमाचल प्रदेश में जन मंच लोगों में काफी लोकप्रिय हुआ है। लोगों को उनके घर द्वार के समीप जहां अपनी मांगों, शिकायतों व समस्याओं को सरकार और प्रशासन के समक्ष रखने का उपयुक्त मंच उपलब्ध हुआ है, वहीं गांवों के गरीब, अनपढ़, अपंग, बुजुर्ग सभी वर्गों के लोगों को सीधे तौर पर सरकार से जुड़ने और संवाद करने का एक खुबसूरत मंच उपलब्ध हुआ है।
जन मंच केवल शिकायतों को सुनने तथा इनके समाधान का ही माध्यम नहीं है, बल्कि एक बहु-उद्देशीय कार्यक्रम है जहां लोग नजदीक से हर बार अलग-अलग मंत्री से संवाद करने का अवसर प्राप्त करते हैं। अभी तक पांच जन मंच आयोजित किए जा चुके हैं जिनमें लगभग 12000 शिकायतों का निपटारा किया जा चुका है। पांचवे जन मंच में 3100 मांगें व शिकायतें दर्ज की गई।
जन मंच के दौरान विभिन्न शिविरों का आयोजन किया जा रहा है जिनमें एलोपैथिक तथा आयुर्वेदिक चिकित्सा शिविर, रक्तदान शिविर, विकलांगता शिविर व सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के बारे जागरूकता शिविर शामिल हैं। राज्य सरकार की गृहिणी सुविधा योजना के तहत मुफ्त गैस कनेक्शन भी वितरित किए जा रहे हैं जिसके लिए मौके पर औपचारिकताएं पूरी करवाई जा रही हैं। इसके अलावा आय/जाति प्रमाण-पत्र, प्रमाण-पत्रों का सत्यापन, परिवार रजिस्टर की नकल, विधवा/वृद्ध/शारीरिक अक्षमता पैंशन, शारीरिक अक्षमता प्रमाण-पत्र, घरेलू गैस कनेक्शन, स्वास्थ्य परिक्षण, मोटर लाईसेंस, इन्तकाल, आधार कार्ड, बागवानी कार्ड, राशन कार्ड से सम्बन्धित सेवाएं भी जन मंच के दौरान प्रदान की जा रही हैं।
सरकार के लिए फीडबैक का बेहतरीन माध्यम बना है जन मंच। जन मंच में प्रत्येक व्यक्ति सरकार और प्रशासन के लिए महत्वपूर्ण है, उसकी समस्या महत्वपूर्ण है और व्यक्ति से मिली फीडबैक महत्वपूर्ण है। जन मंच में किसी प्रकार के भेदभाव को कोई स्थान नहीं है। सरकार नीतियां व कार्यक्रम तैयार करते समय लोगों की फीडबैक को पूरी तवज्जो प्रदान कर रही है।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने जन मंच की परिकल्पना आम लोगों को उनकी समस्याओं व कार्यां को करवाने के लिए सरकारी कार्यालयों में आ रही बहुत सी कठिनाईयों से छुटकारा दिलवाने को ध्यान में रखते हुए की थी, जो सार्थक सिद्ध हुई है। समय और धन दोनों की बर्बादी होती थी और गरीब व्यक्ति तो जिला या राज्य मुख्यालय तक पहुंच ही नहीं पाता था। यह कार्यक्रम प्रदेश में पहले आरम्भ किए गए मिलते-जुलते कार्यक्रमों से इसलिए भिन्न है क्योंकि यह कार्यक्रम परिणाम आधारित है।
मुख्यमंत्री ने जन मंच में उठाई जा रही मांगों और शिकायतों के समाधान को प्राथमिकता प्रदान करने के निर्देश सभी विभागों को जारी किए हैं। लोग अथवा उनके प्रतिनिधि कुछ मांगे सार्वजनिक हित की कर रहे हैं, जिनमें औपचारिकताओं को पूरा करने की आवश्यकता होती है, इसलिए विलम्ब होना स्वाभाविक है। जन मंच आम लोगों में बहुत लोकप्रिय हो रहा है, क्योंकि उन्हें समस्याएं रखने तथा उनका समाधान मौके पर करवाने का अवसर प्राप्त हुआ है।

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