भेड़ पालकों के 14 डेरों ने पार किया थमसर पास
जनवक्ता ब्यूरो धर्मशाला
बड़ा भंगाल क्षेत्र में भेड़ पालकों के सकुशल एवं सुरक्षित होने को लेकर राहत भरी खबर आई है। भेड़पालकों के 14 डेरों ने बुधवार शाम को थमसर पास सकुशल पार कर लिया है।यह जानकरी देते हुए उपायुक्त संदीप कुमार ने बताया कि कांगड़ा जिला प्रशासन द्वारा भेजे गए सहायता दलों के सदस्य भी भेड़पालकों के साथ हैं और उन्होंने सूचना दी है कि इनमें से 4 डेरे राजगुंधा पहुंच गए हैं, जिनमें भेडपालकों के साथ 1700 से 1800 भेड़-बकरियां और 25 से 30 घोड़े हैं। इसके अलावा 10 और डेरे पनारटू पहुंच गए हैं। इनमें भेड़पालकों के साथ 5 से 6 हजार भेड़-बकरियां और 100 के करीब घोड़े हैं। शेष डेरे भी जल्द ही क्षेत्र से सकुशल बाहर आ जाएंगे। गौरतलब है कि जिला प्रशासन ने असामयिक एवं अचानक बर्फबारी से बड़ा भंगाल क्षेत्र में फंसे भेड़पालकों की सहायता के लिए 3 सहायता दल भेजे थे। दल के साथ डकबैक जूतों के अलावा राशन, कंबल और अन्य सहायता सामग्री भिजवाई गई थी। सहायता दलों ने बड़ा भंगाल पहुंच कर भेड़पालकों को यह सामग्री वितरित की थी।
संदीप कुमार ने बताया कि थमसर क्षेत्र में बर्फ की चपेट में आने से मारे गए भेड़पालक राकेश कुमार के शव को ढूंडने के लिए भेजा गया दल बर्फ की अधिकता के कारण शव ढूंढने में असफल रहा है। यह दल वीरवार शाम तक वापिस पहुंच जाएगा। रविवार को मुलथान-थमसर की ओर से भेजे गए इस 15 सदस्यीय दल में मनाली से पर्वतारोही प्रशिक्षण संस्थान के 3 प्रशिक्षक तथा 12 स्थानीय लोग शामिल थे। उपायुक्त ने कहा कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर भेड़पालकों की सकुशलता को लेकर स्वयं निरंतर इस पूरे अभियान की फीडबैक ले रहे हैं। मुख्य सचिव बीके अग्रवाल और अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व मनीषा नंदा लगातार अभियान की निगरानी कर रहे हैं और जिला प्रशासन को आवश्यक मार्गदर्शन दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के संवदेनशीलता एवं तत्परता से इस पूरे अभियान को पूरा करने के निर्देशानुरूप ही जिला प्रशासन बड़ा भंगाल की स्थिति पर हर समय नजर बनाए हुए है तथा पंचायत प्रधान, सचिव और सहायता दल के सदस्यों के माध्यम से लगातार सम्पर्क में है। प्रशासन की ओर से भेड़पालकों को हर सभंव सहायता मुहैया करवाई जा रही है और आगे भी सभी भेड़पालकों की सुरक्षा तय होने तक प्रशासन निरंतर प्रयासों में जुटा रहेगा।