भाखड़ा विस्थापितों की समस्याओं और कठिनाइयों का एक विस्तृत ज्ञापन सौंपते हुए समिति के महामंत्री जयकुमार
जनवक्ता डेस्क बिलासपुर
सर्वदलीय भाखड़ा विस्थापित समिति का एक बड़ा शिष्ट मंडल केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा से समिति के महामंत्री जयकुमार के नेत्रत्व में मिला और उन्हें समिति की ओर से भाखड़ा विस्थापितों की समस्याओं और कठिनाइयों का एक विस्तृत ज्ञापन सौंपते हुए उनसे विस्थापितों की समस्याओं को तुरंत सुलझाने का आग्रह किया | बिलासपुर जिला से ही सम्बंधित और हिमाचल प्रदेश में मंत्री रहते हुए और इसी बिलासपुर सदर विधान सभा क्षेत्र से विधायक होते हुए श्री जे.पी.नड्डा द्वारा भाखड़ा विस्थापितों की सम्स्यायें सुलझाने में निभाई गयी महत्वपूर्ण भूमिका की ओर इंगित करते हुए जयकुमार ने कहाकि इस समय हिमाचल सरकार के मंत्री मंडल में बिलासपुर जिला से कोई भी प्रतिनिधि न होने के कारण कितनी ही समस्याओं का सामना करना पड रहा है और सरकार भी भाखड़ा विस्थापितों से उपयुक्त सहयोग नहीं कर पा रही है ,जिस कारण बिलासपुर नगर के भाखड़ा विस्थापितों में भारी असंतोष तथा निराशा व हताशा ब्याप्त है |
भाखड़ा विस्थापितों के इस शिष्ट मंडल ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री से आग्रह किया कि अपने ब्यस्त समय से कुछ पल उनके लिए निकाल कर उनकी समस्याओं को सुलझा कर उन्हें राहत प्रदान करें | उन्होंने कहाकि यदि हिमाचल सरकार कुछ वर्ष पूर्व हिमाचल हाई कोर्ट के डबल बेंच द्वारा दिए गए आदेशों के अनुरूप “ विस्थापित पुनर्वास नीति “ में उपयुक्त सुधार करके नया अध्यादेश जारी नहीं करती तो निश्चित रूप से पुराने बिलासपुर नगर से 60 वर्ष पूर्व उजाड़े गए भाखड़ा विस्थापितों को इस नए बिलासपुर नगर में भी दोबारा उजाड़े जाने तथा इस शहर को खंडहर होने से नहीं रोका जा सकेगा और बिलासपुर नगर के विस्थापितों को दोबारा से उजड़ने का दंश झेलना पडेगा |
शिष्टमंडल ने कहाकि पिछले 20 वर्षों से हिमाचल प्रदेश के कोई पांच दर्जन शहरों में पहले ही लागू गृह कर को न तो वीरभद्र सिंह की कांग्रेस सरकार ने और न ही प्रोफेसर प्रेमकुमार धूमल की भाजपा सरकार ने यहाँ बिलासपुर नगर में विस्थापितों का शहर होने के कारण लागू किया था ,किन्तु अब न जाने किस कारण व विवशता से भाजपा की नई सरकार इसे जबरदस्ती यहाँ बिलासपुर नगर में थोपने का प्रयास कर रही है | उन्होंने कहाकि उजड़ने से लेकर अब तक विस्थापितों के आर्थिक बसाव की ओर भी किसी भी सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया जिस कारण इस विस्थापितों के नगर में इस गृह कर का लगाया जाना अनुचित है | उन्होंने सरकार से मांग की कि पूर्व की भांति अब भी इसे यहाँ लागू न किया जाए | शिष्ट मंडल में कोई चार दर्जन विस्थापित नेताओं ने भाग लिया जिनमें विशेषरूप से डाक्टर नरेंद्र सांख्यायन , नन्द लाल कोंडल , जे.के.नड्डा , अधिवक्ता अमृतलाल नड्डा , पार्षद नरेंद्र पंडित , कमलजीत पंवार , कुलदीप सिंह , ओ.पी.मेहता , ओंकार दास कौशल , सोहनलाल कोंडल , रामपाल डोगरा , अमरसिंह कोंडल , हंसराज कपिल , ओंकार कपिल , प्रेमचंद , कृष्णा चौहान , रूपलाल चौहान और प्रेमसिंह आदि शामिल थे |