मांगों को लेकर एसीसी पर दबाव डाले सरकार: भगत सिंह वर्मा
कच्चे माल की खानों को पूरी तरह से बंद करने की धमकी
जनवक्ता डेस्क बिलासपुर
एसीसी सीमेंट फैक्ट्री विस्थापित एवं प्रभावित समिति ने जिला प्रशासन एवं प्रदेश सरकार को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि सरकार ने बरमाणा सीमेंट फैक्ट्री प्रबंधन पर उनकी मांगों को पूरा करने के लिए दबाव नहीं डाला तो 15 दिनों के भीतर सीमेंट फैक्ट्री के पट्टा क्षेत्र में पूर्ण रूप से खनिज खनन एवं कच्चे माल की खानों को पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा। उन्होंने कहाकि समिति इस मुददे को एनजीटी एवं न्यायालय में भी ले जाएगी। पत्रकारों को संबोधित करते हुए समिति के कानूनी सलाहकार एवं वरिष्ठ अधिवक्ता भगत सिंह वर्मा ने कहा कि बरमाणा सीमेंट फैक्ट्री के पट्टा क्षेत्र में चलने वाले सैंकड़ों वाहन सरकार के पास पंजीकृत हैं जबकि बिना नंबरों के चलने से प्रदेश सरकार को करोडों रुपयों का चूना लग रहा है। लेकिन सरकार ने इस मामले पर कोई कार्रवाई नहीं की है। समिति ने यह भी आरोप लगाया है कि सीमेंट फैक्ट्री के पट्टा क्षेत्र में पूर्ण रूप से खनिज खनन की खानों में खनन विभाग के उच्च अधिकारियों की मिलीभगत से खनिज पदार्थों एवं कच्चे माल को निकालने का बड़े स्तर पर गोरख धंधा चल रहा है। उन्होंने खेद ब्यक्त किया कि इतने बड़े स्तर पर खदान होने पर भी उद्योग विभाग ने कोई भी अधिकारी या कर्मचारी खदान क्षेत्र में तैनात नहीं किया है और यहाँ से निकने वाले सैंकड़ों वाहनों के लेखे-जोखे के लिए किसी का ना होना भी अपने आप में मिलीभगत का एक सपष्ट उदाहरण है। इसी कारण से प्रतिदिन सैंकडों खनिज पदार्थ एवं कच्चे माल के निकलने का उद्योग विभाग के पास कोई हिसाब -किताब नहीं है। उद्योग विभाग के उच्चाधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए वर्मा ने कहा कि विभाग के अधिकारी इस मुददे पर आंखे मूंदकर जो रायलटी के नाम पर स्वयं उद्योग को नाममात्र की रायल्टी विभाग को दान स्वरूप देती है उद्योग विभाग उसी से संतुष्ट है। उन्होंने कहाकि दूसरी तरफ यदि कोई एक आदमी किसी नाले या खड्ड से एक ट्राली रेत या बजरी की निकले तो उसे तत्काल जुर्माना किया जाता है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन एवं ख्रनन विभाग की टीम ने सीमेंट कारखाना प्रभावित क्षेत्र का 29 सितंबर 2017 को संयुक्त निरीक्षण किया था, जिसमें जिला प्रशासन के आला अधिकारी शामिल थे। इस क्षेत्र में हो रही ब्लास्टिंग से साथ लगते घरों में दरारें आ रही है, जिससे लोग भय के माहौल में जीने को मजबूर हो गए हैं। अभी तक यह समस्या निरंतर बनी हुई है। इस समस्या को सुलझाने में प्रशासन व सरकार पूरी तरह से नाकाम रही हैं। इस अवसर पर समिति के पदाधिकारी रमेश चंद ठाकुर, शिव कुमार, मोहित गौतम सहित कितने ही सदस्य उपस्थित थे।