• Thu. Nov 21st, 2024

सेवानिवृत्ति के उपरांत भारत भ्रमण का सपना पूरा कर रहे शरत शर्मा

Byjanadmin

Oct 24, 2018

मोटरसाइकिल के ऊपर अब तक किया 29270 किलोमीटर का सफर

जनवक्ता डेस्क बिलासपुर
सेवानिवृत्ति के उपरांत भारत भ्रमण का सपना और वह भी मोटरसाइकिल के ऊपर जी हां यह साबित कर दिखाया है सेवानिवृत्त संपादक शरद शर्मा ने जो दिल्ली के बड़े अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से सेवानिवृत्त हुए हैं। बुधवार को बिलासपुर पहुंचने पर उन्होंने पत्रकारों से बातचीत की । उन्होंने बताया कि वह अभी तक 29270 किलोमीटर का सफर तय कर चुके हैं। 37वर्ष तक अंग्रेजी पत्रकारिता करने के बाद इस यात्रा पर निकलने का मुख्य उद्देश्य उन्होंने यही बताया कि वह लोगों को अपने आप को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहने का संदेश देना चाहते हैं और साथ में यह भी बताना चाहते हैं कि अगर वह 60 वर्ष की आयु में स्वस्थ रहकर बाइक पर भारत भ्रमण कर सकते हैं तो बाकी लोग भी सही खान-पान और नशे से दूर रहकर अपने आपको लंबे समय तक स्वस्थ रख सकते हैं। उन्होंने बताया कि अब वे उत्तराखंड चंडीगढ़ होते हुए अंत में दिल्ली में से यात्रा को समाप्त करेंगे। शर्मा का कहना है कि भारत मधुमेह की राजधानी बन गई है। आने वाले चार वर्षाे में भारत में कैलेस्ट्रोल के मरीज भी सबसे अधिक होंगे। यह सब सब देखकर विदेशी बहुराष्ट्रीय कंपनियां बेहद खुश हैं। उन्होंने कहा कि भारत में युवा पीढ़ी सही अन्य लोग आलस्य के मकड़ जाल में फंसते जा रहे हैं। जिससे वह कई तरह की घातक रोगों का शिकार हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि वह इसी साल 18 मार्च को दिल्ली से बाईक पर देश भर की यात्रा पर निकले थे।

शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहने का दे रहे संदेश

हिमाचल प्रदेश इस यात्रा में उनका 28 वां राज्य है। अब वह उत्तराखंड व चंडीगढ़ यात्रा पर निकलेंगे। जिस राज्य व स्थान पर वे जाते हैं। वहां का ही भोजन ग्रहण करते हैं। उन्होंने नक्सल प्रभावित क्षेत्र बस्तर की यात्रा भी बाइक पर ही की। नागालैंड, मिजोरम, मणिपुर व भूटान में कहीं भी कोई खतरा नजर नहीं आया। उन्होंने बताया कि लोगों को चाहिए कि वह प्रति दिन एक घंटे का समय अपने शरीर को स्वास्थ्य रखने को दें। उन्होंने कहा कि पहले लोगों का जीवन 55 से 60 वर्ष माना जाता था। लेकन अब भारत मनुष्य की औसत आयु 90 वर्ष होने लगी है। इसलिए स्वस्थ्य जीवन जी कर ही व्यक्ति दूसरे के लिए प्रेरणा स्त्रोत बन सकता है। उन्होंने कहा कि वह जगह-जगह नशे के खिलाफ भी जागरूकता का काम करते हैं। उन्होंने अपनी बाइक पर भी लिखवा रखा है कि नशा करके वाहन न चलाएं इससे दुर्घटनाएं होने का खतरा बढ़ता है। शरत शर्मा ने कहा कि इस यात्रा के दौरान उन्होंने देखा कि अधिक युवा बिना हैल्मेट के व लापरवाही से बाईक चलाते हैं जिससे अधिकतर युवा 18 व 35 के बीच ही मौत के शिकार हो जाते हैं। इसलिए उन्होंने यह संदेश भी यात्रा के दौरान दिया है कि बिना हैल्मेट के यात्रा न करें।

झरिया कोयले की खान में 1916 से लगी आग आज भी बुझी नहीं

उन्होंने बताया कि उन्होंने झारखंड में झरिया नामक स्थान पर कोयले की वह खान भी देखी है, जहां पर 1916 से लगी आग आज भी बुझी नहीं है। इस संस्मरण को वह बेहद खतरनाक मानते हैं और कहते हैं कि अगर वहां के लोगों ने उन्हें मना न किया होता तो न जाने उनके साथ क्या हो जाता। उन्होंने बताया कि वहां पर काम करने वाले लोगों से पूछा कि वे यह खतरनाक जगह छोड़कर कहीं दूसरी जगह क्यों नहीं चले जाते तो लोगों का जवाब था कि वे यही काम करना जानते है। दूसरी जगह जाकर भूखे मरेंगे। इसलिए वे भूखे मरने के सिवाए यहीं काम करते हुए मरना चाहते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *