डींगें हाकने वाली अंधाधुंध घोषणाएं करके किए झूठे वादे
झांसे देकर लोगों को स्वर्ग दिए जाने के दिखाए गए सपने
सत्ता में आने पर उन वादों पर नहीं किया जा रहा है अमल
राजनीतिक संवाददाता बिलासपुर
राष्ट्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी द्वारा कोई दो वर्ष पूर्व हिमाचल प्रदेश में विधान सभा चुनाव से पहले अपनी पार्टी भाजपा के लिए चुनावी लाभ उठाने के उदेश्य से हिमाचल प्रदेश में राष्ट्रीय उच्च मार्गों का जाल बिछा कर यहाँ आवागमन का कायाकल्प करने का एक लुभावना सपना दिखा कर न केवल संभव और असंभव सभी प्रकार के कुल 59 राष्ट्रीय उच्च मार्गों का निर्माण करने ही बल्कि उनके निर्माण के लिए 65 हजार करोड़ रूपये की स्वीकृति दिए जाने की भी घोषणा की थी।
इस सारे घटनाक्रम पर तेज नजर रखने वाले पर्यवेक्षकों का कहना है कि उस समय क्यूं कि कांग्रेस पार्टी हिमाचल प्रदेश में सत्ता में थी , इसलिए उसकी छवि को हानि पहुंचाने के लिए केन्द्रीय भाजपा नेताओं द्वारा यह दावे भी किये गए कि इस महान कार्य को संपन्न करने के लिए केंद्र की भाजपा सरकार ने हिमाचल की कांग्रेस सरकार को इन मार्गों की डी.पी.आर. तैयार करने को 365 करोड रूपये की राशि वितरित कर दी थी जबकि उस समय पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्रसिंह से पत्रकारों के पूछे जाने पर उन्होंने कहा था कि ऐसी घोषणा तो उन्होंने भी कई बार सुनी है किन्तु केंद्र की भाजपा सरकार से इस कार्य के लिए एक फूटी कौड़ी भी नहीं आई है ।
पर्यवेक्षक कहते हैं कि हिमाचल प्रदेश में विधान सभा चुनाव के समय केन्द्रीय और स्थानीय भाजपा नेताओं ने उछल उछल कर चुनावी लाभ लेने के उदेश्य से कांग्रेस की छवि धूमिल करने के लिए सरेआम यह आरोप लगाए थे कि केंद्र द्वारा 365 करोड़ रुपये दिए जाने के बावजूद भी हिमाचल की कांग्रेस सरकार एक भी डी.पी.आर. तयार करके उन पर कार्य आरम्भ करने में असफल रही है और यह प्रचारित किया गया कि कांग्रेस की सरकार जन विरोधी है ।
अब वही पर्यवेक्षक प्रदेश में बनी नई भाजपा सरकार के उन्हीं नेताओं से आम आदमी की भावनाओं को व्यक्त करते हुए पूछ रहे हैं कि आपको प्रदेश में सत्ता में आये प्रायः एक वर्ष हो रहां है और आपने केंद्र से प्राप्त उस राशि से कितने राष्ट्रीय उच्च मार्गों की डी.पी.आर तैयार करके उन पर कार्य आरम्भ करवाया है ? ताकि आप अपने दावों के अनुरूप जनहितेषी और विकाशसील नेता के रूप में प्रमाणित हो सकें ।
पर्यवेक्षक मानते हैं कि हिमाचल प्रदेश सहित अन्य प्रदेशों में होने वाले चुनावों से पूर्व इस प्रकार की डींगें हाकने वाली अंधाधुंध घोषणाएं करके झूठे वादे और झांसे देकर लोगों को स्वर्ग दिए जाने के सपने दिखाए गए और अब सत्ता में आने पर उन वादों पर कोई अमल नहीं किया जा रहा है । जिससे स्पष्ट प्रमाणित हो गया है कि लोगों से वोट प्राप्त करने के लिए उन्हें विभिन्न बहानों से ठगने की भाजपा की पुरानी आदत है और इसी लिए अब मोदी सरकार लोगों में जुमलों की सरकार के नाम से प्रचारित हो रही है । प्रदेश में लोग पूछ रहे हैकि सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि इन 59 राष्ट्रीय उच्च मार्गों के लिए अधिग्रहीत की जाने वाली भूमि का किसानों को क्या रेट दिया जाएगा याफिर उनसे शिमला , कुल्लू मन्डी और बिलासपुर के फोरलेन विस्थापितों की भांति इन मार्गों से विस्थापित होने वाले किसानों को भी ठगने का ही काम किया जाएगा ?