• Mon. Nov 25th, 2024

जल रक्षकों की मांगों का समाधान करने के लिए नीति तैयार की जाएगीः मुख्यमंत्री

Byjanadmin

Oct 26, 2018

जनवक्ता
शिमला

मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार पंचायती राज विभाग में वर्ष 2006 कार्य कर रहे लगभग 6300 जल रक्षकों की मांगों का समाधान करने के लिए उचित नीति तैयार करेगी।
मुख्यमंत्री ने आज यहां जल रक्षक संघ द्वारा आयोजित समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहा कि सरकार उनकी मांगों तथा समस्याओं पर विचार कर रही है और उनके मानदेय में बढ़ोतरी करने तथा अन्य लाभ प्रदान करने के लिए हर सम्भव प्रयास किए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि जल रक्षक ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी जिम्मेदारी के साथ अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन वे कड़ी मेहनत के अनुरूप मानदेय प्राप्त नहीं कर रहे हैं। हालांकि, जल रक्षक संघ से कोई मांग प्राप्त किए बिना पहले बजट में उनका मानदेय 400 रुपये बढ़ाया गया था, जो राज्य सरकार की उनके प्रति संवेदनशीलता को दर्शाता है।
जय राम ठाकुर ने जल रक्षकों को आश्वासन दिया कि 12 वर्ष का सेवाकाल पूरा करने वाले जल रक्षकों के नियमितकरण सहित उनकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा तथा एक उपयुक्त नीति तैयार की जाएगी, जिसे लोकसभा चुनाव के दृष्टिगत आचार संहिता से पहले जनवरी, 2019 में होने वाले विधानसभा के बजट सत्र में प्रस्तुत किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार समाज के सभी वर्गों के कल्याण के लिए पहले ही दिन से अथक प्रयास कर रही है और राज्य का समग्र तथा तीव्र विकास सुनिश्चित करने के लिए विकास को नई दिशा प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि बागवानी, जल सग्रंहण तथा पर्यटन जैसे क्षेत्रों में किसानों की आय को दोगुना करने के अलावा रोज़गार तथा स्वरोज़गार के अवसर सृजित करने के लिए कदम उठाए गए हैं।
इस अवसर पर बोलते हुए सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर ने कहा कि सरकार विभाग की योजनाओं के क्रियान्वयन में जल रक्षकों को और अधिक जिम्मेदारी देने पर विचार करेगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के प्रयासों से भारत सरकार ने राज्य में वर्ष 2000 से पूर्व शुरू हुई जल संग्रहण तथा सिंचाई योजनाओं के सम्वर्धन के लिए 5551 करोड़ रुपये की दो मुख्य परियोजनाएं स्वीकृत की हैं।
जल रक्षक संघ के अध्यक्ष बली राम शर्मा ने संघ की मांगों को प्रस्तुत किया और जल रक्षकों के मानदेय में बढ़ोतरी के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
इसके पश्चात, मुख्यमंत्री ने अपने कार्यालय में जल रक्षक संघ की मांगों पर विस्तृत चर्चा करने के लिए एक बैठक की। सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री महेन्द्र सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त अनिल खाची, सचिव आईपीएच देवेश कुमार तथा सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज डॉ. आर.एन. बत्ता तथा आईपीएच और पंचायती राज विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने सम्बन्धित अधिकारियों को मांगों का परीक्षण कर और आवश्यक कार्रवाई के लिए सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिए ताकि जल रक्षकों द्वारा दी जा रही बहुमूल्य सेवाओं को ध्यान में रखते हुए उन्हें राहत प्रदान की जा सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *