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राज्य सूचना आयुक्त नरेंद्र चौहान ने सुनाया फैसला
अब कसा जाएगा प्रदेश के निजी स्कूलों पर शिकंजा
जनवक्ता डेस्क बिलासपुर
सूचना का अधिकार कानून के तहत एक अहम फैसला लेते हुए जिला उना के गगरेट विधानसभा क्षेत्र डीएवी पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल अंबोटा को 21 दिनों के भीतर प्रार्थी मुकेश सूद को सूचना उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं। इस निर्देश के बाद डीएवी स्कूल व हिमाचल प्रदेश में चल रहे निजी स्कूलों पर शिकंजा कसा जाएगा। अन्यथा इससे पहले यह स्कूल सूचना के अधिकार के तहत कानून के अंतर्गत जानकारी देने के लिए बाध्य नहीं थे। ग्राम पंचायत अंबोटा के मुकेश सूद ने सूचना के अधिकार कानून के तहत पत्रिका 7 अक्टूबर 2016 को उक्त संस्थान में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया और नियमित करने के नियम अनुबंध आधार पर रखे शिक्षकों के वेतन संबंधी जानकारी मांगी थी और सूचना न मिलने पर उन्होंने प्रथम अपीलीय अधिकारी के पास अपील की थी। लेकिन उनके आदेश की अनुपालना होने पर उन्होंने अपने अधिवक्ता बी नंदन वशिष्ठ के माध्यम से राज्य सूचना आयोग के पास अपील की थी । शिक्षण संस्थान ने दावा किया था कि उनकी संस्था को सरकार की तरफ से किसी भी प्रकार की कोई सहायता नहीं मिलती और ना ही इस पर किसी प्रकार का सरकारी कंट्रोल है । ऐसे में सूचना के अधिकार के सेक्शन 2 एच नियमों के तहत उनकी संस्था नहीं आती। अधिवक्ता ने बताया कि दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद राज्य सूचना आयुक्त नरेंद्र चौहान ने माना कि शिक्षा निदेशक के आदेश अनुसार जो निजी स्कूल हिमाचल में मान्यता प्राप्त हैं वह सभी सूचना के अधिकार कानून के अंतर्गत आते हैं । इसलिए डीएवी स्कूल इस आदेश के पारित होने के 21 दिनों के भीतर मुकेश को सूचना उपलब्ध करवाए। अधिवक्ता वशिष्ठ ने बताया कि यह एक्ट लागू होने के बाद हिमाचल प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में पारदर्शिता व जवाबदेही आएगी।