नैना देवी जी के युवाओं ने शहीद स्मारक के निर्माण में किया श्रमदान
आर्ट आफ लिविंग बिलासपुर ने आपसी सहयोग से एकत्र राशि से दिया मजदूरों को पारिश्रमिक
जनवक्ता डेस्क बिलासपुर
बिलासपुर में बनने जा रहे ऐतिहासिक शहीद स्मारक के निर्माण में युवाओं ने श्रमदान देकर एक नई परिपाटी को जन्म दिया है। नैना देवी जी के युवाओं का कहना है कि बजाए इधर उधर धूमने के तथा विभिन्न प्रकार के व्यसनों में पड़ने से तो बेहतर है कि शहीदों के प्रति कुछ किया जाए । उधर आर्ट आफ लिविंग संस्था के सदस्यों ने भी अपास मं ही धनराशि एकत्र कर अपने हाथों से काम करने वाले मजदूरों को पारिश्रमिक देकर एक नई मिसाल पेश की है। आर्ट आफ लिविंग की प्रशिक्षिका रचना मेहता के नेतृत्व में यह राशि मजदूरों को सौंपी गई। उनके साथ अधिवक्ता राजेंद्र हांडा, वन विभाग के अधिकारी अनिल मेहता और बैंक प्रबंधक मीरां भोगल भी उपस्थित रहीं । एक ईटं शहीद के नाम अभियान के संयोजक संजीव राणा ने बताया कि बिलासपुर के चंगर स्थित शहीद समारक स्थल पर निर्मित किए जा रहे एक ईटं शहीद के नाम के अन्तर्गत नए शहीद समारक का कार्य पूर्ण प्रगति पर है। दिपावली के अवसर पर कुछ कामगारों के अपने प्रदेश चले जाने के कारण कामगारों की कमी बनने के चलते काम की गति थोडी धीमी हुई जिसे देखते हुए श्री नैना देवी जी से आए युवाओं ने शहीद समारक में शहीदों को सच्ची श्रद्वांजलि अर्पित करने के उदेश्य से श्रमदान आरम्भ कर दिया है। उन्होनें बताया कि युवाओं ने उनसे संपर्क किया और कहा कि वे शहीद स्मारक के लिए कुछ करना चाहते हैं । राणा ने बताया कि युवाओं की यह बात उन्हें बहुत अच्छी लगी कि देश की खातिर अपने प्राण न्योछावर करने वाले वीर सैनिकों के सम्मान व श्रद्वांजलि देने के लिए यह उनका छोटा सा योगदान है। राणा ने बताया कि यह युवक श्री नैना देवी जी , टाली, जगातखाना व तम्बोल पंचायत के स्वंय सेवक हैं। उन्होंने बताया कि इसी कडी में आर्ट आफ लिविगं संस्था का भी विशेष योगदान रहा। इस संस्था के सदस्यों द्वारा शहीद समारक में कार्य करने वाले मिस्त्री व मजदूरों को अपने हाथ से दैनिक पारिश्रमिक दिया तथा दिवाली के अवसर पर उन्हें मिठाई भी बाटीं। इस अवसर पर समाजसेवी सुरेश चौधरी व ठेकेदार हाकम सिंह भी उपस्थित रहे।