एक मुस्लिम परिवार के मुखिया रफीक शेख ने मनाई दीवाली
जनवक्ता डेस्क बिलासपुर
कुछ तो अलौलिक एवं दिव्य शक्तियों का यहां वास है, जिस कारण यहां की धरती को देवभूमि कहा जाता है। महर्षि वेद व्यास की धरा बिलासपुर यूं तो कई कारणों से प्रसिद्ध एवं प्रख्यात है लेकिन यहां पर सबसे बड़ी बात यह है कि यहां पर हर मजहब के त्योहार को सभी धर्मों के लोग पूरे रस्मो रिवाज से मनाते हैं। जो कि देश ही नहीं बल्कि विदेशी सभ्यताओं के लिए अनुकरणीय उदाहरण है। बीती रात दीपों के पर्व दिवाली का त्योहार था, जिसमें हालांकि सभी लोगों ने बड़े आनंद से मनाया लेकिन नगर के डियारा सेक्टर स्थित एक मुस्लिम परिवार की बात ही कुछ और रही। घर के मुखिया रफीक शेख और उनकी धर्मपत्नी रहीशा शेख के रहनुमाई में उनके बच्चों न सिर्फ भव्य रंगोली तैयार की बल्कि इसमें दीप माला लगाकर और आकर्षक बनाया। यहीं नहीं इसके पास खूब आतिशबाजी हुई तथा पारंपरिक तौर पर एक दूसरे के साथ प्रेम के परिचायक उपहारों का आदान प्रदान भी शिद्दत से किया गया। उल्लेखनीय है कि यह स्वर्गीय नवाज मोहम्मद का परिवार है जो सर्वधर्म की ईज्जत और मानवता की सेवा के लिए माना जाता है। गरीब, जरूरतमंद लोगों की सेवा के लिए नवाज मोहम्मद के दरवाजे सदा खुले रहते थे। तथा हर धार्मिक त्योहारों में इस घर में लोगों का तांता लगा रहता था। भले ही माहौल में अब बदलाव आ चुका हो लेकिन परंपरा और मानसिकता में कोई फर्क नहीं है। इनके बेटियां आशिमा और शालिमा दोपहर से ही रंगोली को तैयार करने के लिए जुट जाती हैं जबकि मां रहीशा शेख रंगोली में कोई कमी न रह जाए इसके लिए उनका हाथ बंटाती हैं। रफीक शेख की माने तो त्योहार कोई भी हो यह एक दूसरे को और करीब लाने में सार्थक साबित होते हैं। कर्म मन से होता है तथा हिसाब किताब रखने वाला भगवान है, इसलिए बिना मतलब की बातों को तवज्जों नहीं देनी चाहिए तथा मानवता को ध्येय मानकर सच्चाई की राह पर चलना चाहिए।