करीब छह साल बाद मोटरबोटों के किराए में वृद्धि हुई
जनवक्ता डेस्क बिलासपुर
अब गोबिंदसागर झील पार करने का न्यूनतम किराया चार रुपए से बढ़ाकर आठ रुपए कर दिया गया है। इसके साथ ही कई अन्य रूटस पर मोटरबोटों के किराए में 24 फीसदी तक की बढ़ोतरी की गई है। बहरहाल मोटरबोट्स का किराया बढ़ाए जाने से सभी संचालक गदगद हो गए है। उपायुक्त विवेक भाटिया ने मोटरबोटों का किराया बढ़ाकर बिलासपुर के मोटरबोट्स संचालकों को दीपावली का बंपर गिफ्ट दिया है। बताया जा रहा है कि करीब छह साल बाद मोटरबोटों के किराए में वृद्धि हुई है। हालांकि यह किराया प्रशासन ने मोटरबोट्स एसोसिएशन बिलासपुर द्वारा दोबारा हड़ताल न करने व आगामी पांच साल किराए बढ़ोतरी की मांग न करने को लेकर लिखित रूप प्रशासन को दिए जाने के बाद बढ़ाया है। वहीं, किराया बढ़ाने जाने से व मांगे पूरी होने से मोटरबोट्स संचालकों ने जिला प्रशासन का आभार प्रकट किया है। गौरतलब है कि मोटरबोटों का किराया बढ़ाने की मांग को लेकर सोमवार को मोटरबोट संचालक हड़ताल पर रहे। मोटरबोटों की हड़ताल के कारण बोटों के माध्यम से गोबिंदासागर झील के उस पार से बिलासपुर आने वाले लोगों को काफी परेशानियों का सामना भी करना पड़ा, लेकिन सोमवार दोपहर बाद प्रशासन से आश्वासन मिलने पर मोटरबोट संचालकों ने हड़ताल स्थगित कर दी थी। उल्लेखनीय है कि भाखड़ा बांध की वजह से अस्तित्व में आया गोबिंदसागर जल परिवहन का एक सशक्त माध्यम है। बिलासपुर से भाखड़ा तक लगभग 165 मोटरबोटें करीब 100 रूटों पर चल रहे हैं। सड़क मार्ग की तुलना में मोटरबोट की यात्रा काफी सस्ती पड़ती है और साथ ही इसमें समय भी कम लगता है। गौरतलब है कि मोटरबोट में बिलासपुर से ऋषिकेश का किराया चार रुपए निर्धारित है और इसमें 10 से 15 मिनट लगते हैं। इसकी तुलना में सड़क मार्ग से किराया आठ से नौ गुना अधिक है और समय भी 50 से 60 मिनट लगते हैं। ऐसे में गोबिंदसागर के उस पार की दर्जनों पंचायतों के हजारों लोग मोटरबोटों के माध्यम से ही बिलासपुर आते-जाते हैं। इनमें स्कूलों व कालेजों के सैकड़ों विद्यार्थी और कर्मचारी भी शामिल हैं।