जनवक्ता डेस्क बिलासपुर
उद्योग एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर ने तकनीकी शिक्षा, वोकेशनल व औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग की आज यहां एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में उन्होंने संबंधित अधिकारियों को राज्य व केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं को समय सीमा के भीतर लागू करने के लिए निर्देश दिए, ताकि आम लोगों को इनका लाभ मिल सके।
उद्योग मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार तकनीकी शिक्षा को सबसे ज्यादा प्राथमिकता दे रही है। उद्योगों में कुशल पेशेवरों की ज्यादा मांग है, ऐसे में तकनीकी शिक्षा ग्रहण करने वालों को दूसरे छात्रों की तुलना में रोजगार मिलने की ज्यादा संभावना रहती है। इंजीनियरिंग कॉलेजों, पॉलिटेक्निकल कॉलेजों, बी-फार्मेसी कालेजों और आईआईटी जैसे विभिन्न तकनीकी शिक्षण संस्थानों में छात्रों को बेहतर शिक्षा प्रदान की जा रही है ताकि उन्हें उद्योगों में रोजगार हासिल करने में आसानी हो।
बिक्रम सिंह ठाकुर ने कहा कि उद्योगों में उत्कृष्ठता लाने के लिए तकनीकी शिक्षा प्रदान करने वाले अध्यापकों को ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। छात्रों को अध्यापकों के अनुभव का पूरा लाभ मिलना चाहिए। छात्रों की प्लेसमेंट को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए क्योंकि यह संस्थान में प्रदान की गई शिक्षा का परिणाम होता है। उन्होंने विभिन्न शिक्षा संस्थानों के प्रमुखों का नई सोच के साथ काम करने का आहवान किया और नए विचारों को लागू करने के लिए कड़ी मेहनत करने को कहा।
उन्होंने कहा कि आईटीआई संस्थानों में मशीनें व उपकरणों की खरीद, वन स्वीकृतियां और अध्यापकों को नियुक्ति के लिए धनराशि का प्रबंध करने को प्राथमिकता दी जाएगी। अध्यापकों और विभाग के अधिकारियों के लिए कार्यशालाओं का आयोजिन किया जाना चाहिए। राज्य में बेहतरीन तकनीकी शिक्षा प्रदान के लिए हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम, उद्योग निदेशालय व एडीबी मिलकर काम कर रहे हैं।
अतिरिक्त मुख्य सचिव व प्रधान सचिव (तकनीकी शिक्षा) मनोज कुमार, तकनीकी शिक्षा विभाग के निदेशक शुभ करण सिंह, विभिन्न इंजीनियरिंग कॉलेजों, पॉलिटेक्निक कालेजों, बी-फार्मेसी कालजों, आईटीआई कॉलेजों के प्रमुखों के साथ विभाग के अधिकारी भी इस बैठक में मौजूद थे।