जनवक्ता डेस्क बिलासपुर
आईपीएच विभाग में महा भ्रष्टाचार के मामले का खुलासा आरटीआई से प्राप्त सूचना के अनुसार उस समय हुआ जब रमेश चंद निवासी गाँव वांडा को प्राथमिक पाठशाला दूकुडू से सूचना मिली कि वहां नगलने वाला बोरवेल 19जून 2018 से 20 जून 2018 के बीच लगाया गया तथा जब राकेश चंद निवासी गांव बड़ी बिल्हौर ने आरटीआई से सूचना मांगी तो आईपीएच विभाग की लॉग बुक के अनुसार यह पता चला कि यह बोरवेल जो कि राजकीय प्राथमिक पाठशाला दोनों के रसोईघर के साथ लगाया गया है इसे 3 जुलाई 2018 से 4 जुलाई 2018 में लगाया गया। दोनों ही तिथियां आपस में मेल नहीं खाती। विभाग जो कि झूठ का पुलिंदा तैयार कर रहा है इससे पता चलता है कि इस सारे कांड में भ्रष्टाचार हुआ है यही नहीं आरटीआई में इन दोनों को यह भी पता चला है कि इस हैंडपंप के इर्द-गिर्द जो सीमेंटेड ढाँचा बनाया गया वह भी तय विभाग के द्वारा तय किए गए मानकों के अनुसार नहीं है इसमें कौन लाभ ले रहे हैं तथा सरकार क्यों चुप है अपने आप में हैरानी की बात है लाभ ले रहे हैं सरकार चुप है । लोग जन सेवा के लिए आरटीआई से सूचनाएं प्राप्त करके इस मामले की जांच की गुहार लगा रहे हैं सारी ही बात अपने आप में हैरान कर देने वाली है अतः लोगों ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि इस भ्रष्टाचार की जांच एक निष्पक्ष जांच एजेंसी से करवाई जाए ताकि दूध का दूध पानी का पानी साफ हो जाए । अगर ऐसे भ्रष्टाचार के मामलों में ढिलाई बरती गई तो यह भ्रष्टाचार दिन प्रतिदिन बढ़ता जाएगा और जनता की गाढ़ी कमाई के पैसे को यूं ही निगलता जाएगा