सागर मत्स्य एवं कहलूर मत्स्य सभा समिति के प्रतिनिधियों ने सौंपा पांच सूत्रीय ज्ञापन
केंद्रीय गोविंद मत्स्य विभाग भारत सरकार के सचिव तरुण श्रीधर का बिलासपुर दौरा
जनवक्ता डेस्क बिलासपुर
प्रदेश भाजपा फिशरमैन प्रकोष्ठ के राज्य अध्यक्ष एवं भाजपा नेता मुनीर अख्तर लाली के नेतृत्व में केंद्रीय मत्स्य विभाग भारत सरकार के सचिव तरुण श्रीधर को दी। गोविंद सागर मत्स्य बिलासपुर एवं कहलूर मत्स्य सभा समिति के प्रतिनिधियों ने पांच सूत्रीय ज्ञापन सौंपा । ज्ञापन में मांग की गई की कोल डैम बनने के कारण गोविंद सागर झील में मछली उत्पादन बहुत कम हो गया है तथा कोलडैम से गोविंद सागर झील में पानी छोड़े जाने से पानी के बहाव के कारण मछली पकड़ने के जाल झील में नहीं लग पाते मछली के जाल पानी के बहाव से टूट जाते हैं और मछली पकड़ी नहीं जाती। उन्होंने कहा कि इस कारण मछुआरा वर्ग के परिवारों को रोजी-रोटी चलाना बहुत मुश्किल हो गया है । ज्ञापन में मांग की गई कि फोर लेन कंपनी द्वारा सारी मिट्टी पत्थर मलबा गोविंद सागर झील के नदी नाले में डाल दिया गया है यह नदी नाले मछली प्रजनन के क्षेत्र होते हैं । इस कारण मछली उत्पादन में भारी कमी आई है। उन्होंने कहा कि फोरलेन कंपनी से मछुआरों को मुआवजा दिया जाए। ज्ञापन में कहा गया कि मछुआरों को रिहायशी मकान अनुदान पर बनाने की योजना केंद्र सरकार द्वारा चलाई गई थी लेकिन किन्हीं कारणों से उसे बंद कर दिया गया जिसे जल्द दोबारा लागू किया जाए। मत्स्य विभाग हिमाचल प्रदेश में सरकारी नौकरी में मछुआरा वर्ग को आरक्षण दिया जाए गरीब मछुआरा भर के बच्चे शिक्षा क्षेत्र में गरीबी के कारण पीछे रह जाते हैं और परीक्षा में नंबर कम आते हैं इसके लिए मछुआरा वर्ग बच्चों को नौकरी नहीं मिलती अतः इस वर्ग के बच्चों को अलग से नौकरी के लिए मत्स्य विभाग हिमाचल प्रदेश में आरक्षण दिया जाए। प्रतिबंधित महीने में मछुआरा वर्ग को दी जाने वाली राहत राशि बढ़ाई जाए । इस मौके पर मत्स्य सचिव भारत सरकार श्री तरुण धर ने मौके पर मौजूद मत्स्य विभाग के एडिशनल डायरेक्टर सुशील जनार्था को निर्देश दिए कि जल्द ही गोविंद सागर झील के मछुआरों का एक दल बनाकर झारखंड भेजा जाए ताकि वहां पर मछली पकड़ने के तरीके सीख सकें तथा मत्स्य कारोबार को बढ़ावा मिल सके । उन्होंने मांगों पर जल्द कार्रवाई के आश्वासन दिया। इस मौके पर दि गोविंद सागर मत्स्य सभा समिति बिलासपुर के प्रधान रूपलाल एवं कहलूर मत्स्य सभा समिति के प्रधान व अन्य मछुआरा वर्ग मौजूद थे ।