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राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के कुछ नेता नहीं चाहते कि कर्मचारी एकता हो

Byjanadmin

Nov 21, 2018

केवल दिखावे के लिए मात्र प्रेस में किए जा रह दावे

जनवक्ता डेस्क बिलासपुर
यद्यपि पिछले दिन शिमला ,मंडी और बिलासपुर मे हिमाचल् प्रदेश में अपने आप को राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ का वास्तविक उतराधिकारी घोषित करते हुए कर्मचारियों के तथाकथित विभिन्न गुटों में विभाजित कर्मचारी नेताओं ने अपने अपने कट्टर समर्थकों को लेकर महासंघ का 52वां स्थापना दिवस मनाने के कार्यक्रम आयोजित किए और अपनी अपनी सामर्थ्य के अनुसार अपने आप को अन्य गुटों से अधिक शक्तिशाली दिखाने के प्रयास किए गए | किन्तु इससे यह प्रमाणित हो गया है कि कुछ महासंघ के नेताओं को एक सूत्र में लाकर कर्मचारियों कि दर्जनों समस्याओं और आर्थिक कठिनाइयाँ सुलझाने के प्रयासों कि ओर वास्तव में किसी गुट विशेष में कोई चाह अथवा सशक्त इच्छा नहीं है |केवल मात्र दिखावे मात्र के लिये प्रेस के माध्यम से मिल बैठ कर समस्याएँ सुलझाने के कथित वादे समय समय पर किए जाते रहे हैं |
वर्षों से वीके कौल के एक मामले में उलझ जाने के बाद ही शिमला में उधान विभाग में कार्यरत एक कर्मचारी नेता अपने आप को कर्मचारी परिसंघ का राज्य अध्यक्ष घोषित करके स्थान स्थान पर घूम घूम कर प्रेस वार्ताएं आयोजित करके यह प्र्माणित करने का प्रयास करते रहे कि उनके नेत्रत्व में परिसंघ एक सशक्त संगठन है |किन्तु अब हिमाचल प्रदेश में सत्ता बदल जाने के बाद उन्होने एक दम पलटी मार कर अपने कुछ सहयोगियों को साथ लेकर राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ का कार्यकारी अध्यक्ष घोषित करके महासंघ के चुनाव करवाने कि घोषणा कर दी | इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए उन्होने शिमला में पिछले दिन राज्य महासंघ का स्थापना दिवस अलग से ही मनाया |
उधर जिला मंडी के मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र सराज से संबंध रखने वाले अश्विनी ठाकुर ने जो शिमला में कार्यरत हैं ,ने अपना एक अलग गुट खडा करके कर्मचारी महासंघ का अगला अध्यक्ष होने का दावा किया है और कर्मचारियों की सभी समस्याओं को हल किए जाने कि घोषणा भी की है |उन्होने भी संकड़ों समर्थक कर्मचारियों के साथ अलग से मंडी में महासंघ का स्थापना दिवस मनाया और स्वयं को महासंघ का सबसे सशक्त दावेदार घोषित किया है |
बिलापुर में ही कर्मचारी परिसंघ के राज्य अध्यक्ष अमरनाथ खुराना ने भी अपने समर्थक कर्मचारियों के साथ अलग से रमेश चंद्र शर्मा कि मूर्ति पर माल्यार्प्ण करके स्थापना दिवस मनाया और कहा कि महासंघ कई गुटों में विभक्त हो चुका है इसलिए सरकार को कर्मचारी परिसंघ को वार्ता के लिए बुलाना करना चाहिए |
उधर सुरेन्द्र ठाकुर और एनआर ठाकुर भी वर्षों से अपने आप को राज्य कर्मचारी महासंघ का उत्तराधिकारी प्र्माणित करने के प्रयासों में लगे हुए हैं और अपने इस दावे को पुष्ट करने के लिए राष्ट्रिय स्वयं सेवक संघ से जुड़े कर्मचारी व मजदूर संगठनों अथवा भारतीय मजदूर संघ के बल- बूते अपने आप को सारे हिमाचल प्रदेश के प्रतिनिधि मानने के प्रयासों में संलग्न हैं |इसी कड़ी में उनकी जिला इकाई के प्रधान इन्द्र सिंह ठाकुर के सक्रिय सहयोग से भारतीय मजदूर संघ से संबन्धित नेताओं सुरेन्द्र ठाकुर और एन आर ठाकुर ने बिलासपुर नगर में कर्मचारी महासंघ के संस्थापक राज्य अध्यक्ष स्वर्गीय रमेश चंद्र शर्मा की मूर्ति पर माल्यार्पण करवाने के बाद भारतीय मजदूर संघ से संबन्धित विभिन्न संस्थाओं के नेताओं को साथ लेकर इस स्थापना दिवस का आयोजन बिलासपुर नगर के नगर परिषद हाल में किया | जिसमें महत्वपूर्ण बात यह है कि इस सम्मेलन में राष्ट्रिय स्वयं सेवक संघ के प्रांतीय कार्यवाह किस्मत कुमार मुख्यातिथि और मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित थे |
स्पष्ट है कि विभिन्न गुटों में बंटे यह कर्मचारी नेता हिमाचल भर के कर्मचारियों कि समस्याओं ,कठिनाइयों को दूर करने के लिए नहीं बल्कि बिना किसी पुष्ट प्रमाण के अपने आप को ही सर्वाधिक कर्मचारियों के वास्तवित प्रतिनिधि प्रकट करके केवल मात्र भाजपा कि जयराम सरकार से मान्यता प्राप्त करने कि होड में लगे हुए हैं ताकि मुख्यमंत्री कार्यालय के समीप सचिवाल्य में फोन और कमरा प्राप्त करके अपनी चौधराहट चलाई जा सके |
यदि सारे घटनाक्रम पर दृष्टि दौड़ाई जाये तो इस बात में कोई संदेह नहीं कि क्यूँ कि आरम्भ्से ही भाजपा कि जयराम सरकार कुछ नितांत अनुभवहीन अधिकारियों के मार्ग दर्शन में कार्य करने के लिए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ द्वारा विवश कि जा रही है और किसी भी भाजपा के मुख्यमंत्री में इतना दम नहीं कि स्वयं को आर एस एस के दबाव से मुक्त होकर स्व्छ्न्द्ता से कार्य कर सके ,तो फिर निश्चित रूपसे जयराम सरकार में आर एस एस से संबन्धित सुरेन्द्र ठाकुर और एन आर ठाकुर गुट को मान्यता दिया जाना लगभग तय माना जा रहा है हालां कि मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र से ही संबंध रखने वाले अश्विनी ठाकुर भी उनके लिए इस निर्णय को कर पाने में भारी कठिनाई पैदा करता हुआ नजर आ रहा है |

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