रासायनिक खादों, कीट नाशकों के उपयोग से बीमारियां बढ़ी
जनवक्ता ब्यूरो कुरूक्षेत्र
हरियाणा के कुरूक्षेत्र जिले के पेहोवा में सहकारी भारती के किसान, मजदूर एवं व्यापारी सम्मेलन के अवसर पर अपने सम्बोधन में राज्यपाल हिमाचल प्रदेश आचार्य देवव्रत ने कहा कि पिछले 40 वर्षों में रासायनिक खादां तथा कीटनाशकों के निरंतर उपयोग से इन्सानों में बीमारियां और किसानों में परेशानियां बढ़ी हैं।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती से ज़मीन की उपजाऊ शक्ति बढ़ेगी, पानी की लागत घटेगी और देसी गऊ बचेगी और पार्यवरण सुरक्षित होगा।
उन्होंने कहा कि रासायनिक खादों और कीटनाशकों पर निर्भरता की वजह से खेती की लागत बढ़ी है और किसान खेती के लिए ऋण लेने के लिए मजबूर हुए हैं। अनेक ऐसे भी मामले हुए है कि किसान ऋण की वजह से आत्महत्या करने पर मजबूर हुए हैं।
राज्यपाल ने कहा कि मौसम चक्र निरंतर बदल रहा है और पानी की उपलब्धता कम हो रही है, जिससे भूमि में पानी का स्तर घट रहा है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती से केंचुआ प्रजाति बढ़ेगी धरती में छिद्र बढ़ेंगे और ज्यादा पानी धरती में समायित हो सकेगा। उन्होंने कहा कि जैविक खेती से उत्पादन बढ़ाने में दिक्कत आ रही है इसलिए अब जैविक खेती से आगे बढ़कर प्राकृतिक खेती की ओर जाना होगा।
गुहला चिका के विधायक कुलवन्त बाजीगर ने कहा कि गुहला चिका में वर्तमान सरकार के समय में केन्द्र और सरकार की योजनाओं ने क्षेत्र की तस्वीर बदल दी है। उचाना की विधायक प्रेमलता ने कहा कि उचाना में केन्द्र सरकार की अनेक योजनाएं चल रही है जिनका लोगों को लाभ प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि ‘आयुष्मान भारत योजना’ लोगों के स्वास्थ्य की देखभाल की दृष्टि से महत्वपूर्ण योजना साबित होगी।
इस अवसर पर राजेन्द्र बाखली ने मुख्यातिथि का स्वागत किया।