जनवक्ता डेस्क बिलासपुर
गांव बैहना जट्टां, डमली, बड़ोल, गेहड़वीं, औहर तथा हीरापुर पंचायत के लोगों ने गोविन्द सागर झील पर बैरी दड़ोलां-तलवाड़ पुल का निर्माण करने की गुहार लगाई है। इस पुल का शिलान्यास 23 मार्च 2007 को तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने किया था। शिलान्यास के बाद दोनों तरफ सड़क का निर्माण तो कर दिया परन्तु पुल का काम शुरू नहीं हो सका। उसके बाद सरकारें आती रहीं और जाती रहीं लेकिन किसी ने भी इस पुल की तरफ ध्यान नहीं दिया तथा भाखड़ा विस्थापितों की बात नहीं सुनी जिससे लोगांे में भारी रोष व्याप्त है। हर वर्ष मार्च महीने से जून महीने तक गोविन्द सागर झील के पानी का स्तर नीचे उतरने के कारण स्थानीय वृद्धों, बच्चों व महिलाओं का बिलासपुर की ओर जाना अति दुर्गम व जोखिम भरा रहता है। कई बार स्थानीय लोगों के साथ दुर्घटना होने से बच गई है। सर्दियों में नवम्बर से फरवरी माह तक धुंध के अधिक होने के कारण भी दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है तथा मोटर बोट आर-पार सही स्थान पर नहीं लग पाते हैं। जिस कारण विद्यार्थियों, मजदूरों तथा कर्मचारियों को अपने कार्यस्थल पर समय पर पहुंचने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है। सड़क मार्ग द्वारा यह रास्ता बैरी से बिलासपुर तक सिर्फ 30 कि.मी. का पड़ता है। इसलिये बैहना जट्टां, डमली, बड़ोल, गेहड़वीं, औहर तथा हीरापुर पंचायत के लोगों की चिरकाल से इस पुल को बनाने की मांग चली आ रही है लेकिन आज दिन तक किसी भी सरकार ने गरीब जनता की पुकार नहीं सुनी है। इस सिलसिले के अन्तर्गत उपरोक्त पंचायतों के लोग किशन सिंह चन्देल शक्ति केन्द्र अध्यक्ष गेहड़वीं, रतन चन्देल, कुलदीप चन्देल, अच्छर सिंह, सदा राम, मंगल सिंह, बिशन दास, किशोरी लाल, सुखदेव, मलकीयत सिंह, महेन्द्र सिंह चन्देल, दीना नाथ, रसील सिंह, मुलतान सिंह, हुकम सिंह ठाकुर, ने बताया कि उन्हें सरकार की तरफ से आश्वासन भी मिला है। उपरोक्त सभी लोग सरकार से आस लगाए हुए हैं कि जनता की आवाज को जरूर सुना जाएगा।