जनवक्ता शिमला
राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने चण्डीगढ़ में आज कृषि एवं खाद्य प्रौद्योगिक मेले के समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहा कि खाद्य उत्पादों में कीटनाशकों की मात्रा कृषि उत्पादों के मूल्य का निर्धारण करती है। आयात करने वाले देशों द्वारा अधिक मात्रा में कीटनाशकों की मौजूदगी आयात को अस्वीकार करने का कारण बनती है। उन्होंने कहा कि रसायनों तथा कीटनाशकों के अंधाधुध उपयोग को रोकने की जरूरत है जो केवल प्राकृतिक खेती के माध्यम से संभव है।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती से किसानों की आय दोगुनी हो सकती है यदि वह कृषि में उपयोग होने वाली अनावश्यक सामग्री का कम प्रयोग कर प्राकृतिक खेती को अपनाएं। यह कार्बन सामग्री के साथ मिट्टी को समृद्ध कर फसलों में प्राकृतिक पोषक तत्वों को उत्पन्न करेगा।
उन्होंने कहा कि तकनीक अच्छी है परन्तु इसकी पहुंच किसानों तक बिना की बोझ के होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती की सामग्री का प्रयोग कर कुरूक्षेत्र में किसानों से धान के उत्पादन में 25 प्रतिशत की वृद्धि की है।
पंजाब के ग्रामीण विकास मंत्री राजिन्द्र सिंह ने किसानों के लिए किफायती प्रौद्योगिकी की आवश्यकता पर बल दिया।
सीआईआई के अध्यक्ष सदरीत जैन ने मुख्यातिथि का स्वागत किया जबकि उपाध्यक्ष समीर गुप्ता ने राज्यपाल का आभार व्यक्त किया।
लेडी गवर्नर दर्शना देवी भी इस अवसर पर उपस्थित थीं।