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राज्यपाल ने किया वैज्ञानिकों से स्थानीय किस्मों का पुनः अविष्कार करने का आग्रह

Byjanadmin

Dec 5, 2018

जनवक्ता ब्यूरो पालमपुर
राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने आज चौधरी सरवन कुमार कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में 379 विद्यार्थियों को विभिन्न विषयों में डिग्रियां प्रदान की। उन्होंने विश्वविद्यालय के आठ मेधावी छात्रों को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया। इन आठ मेधावी विद्यार्थियों में सभी लड़कियां हैं।राज्यपाल ने इस अवसर पर नवोदित कृषि वैज्ञानिकों से पर्यावरण, जल, मृदा मामलों से निपटने के लिए नए दृष्टिकोण के साथ अनुसंधान करने तथा ऐसी तकनीक विकसित करने को कहा जो प्रकृति और पर्यावरण के अनुकूल हों। उन्होंने कहा कि आज अनुसंधान कार्यां में पुनः अभिविन्यास की आवश्यकता है।उन्होंने कहा कि मिट्टी के कार्बन तत्वों को बढ़ाए जाने की आवश्यकता है और वैज्ञानिकों को नए तरीकों के साथ मृदा उर्वकरता बढ़ाने के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती पर वैज्ञानिकों द्वारा किए गए शोध से सकारात्मक परिणाम आएंगे और प्राकृतिक खेती से किसानों की आय में भी वृद्धि होगी।उन्होंने प्रदेश के बागवानी तथा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा प्राकृतिक खेती पर अनुसंधान कार्य करने के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि स्थानीय बीजों पर अनुसंधान से बीज उत्पादों की कीमतों में कमी आएगी और देश में बीमारी मुक्त कृषि उत्पाद उपलब्ध होगा। उन्होंने वैज्ञानिकों से स्थानीय बीजों की किस्मों को पुनः तैयार करने को भी कहा।उन्होंने कहा कि कृषि तथा शिक्षा पर निरन्तर ध्यान देने की आवश्यकता है और इन दोनों की देश के उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में सीखने वाले कौशल को अन्यों के साथ साझा किया जाना चाहिए ताकि ज्ञान की निरन्तरता की प्रक्रिया से मानवता लाभान्वित हो सकें।सांसद शांता कुमार ने कहा कि जब सिक्किम में जैविक खेती सफल हो सकती है तो हिमाचल प्रदेश में भी यह संभव है। उन्होंने प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्यपाल तथा प्रदेश सरकार के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने विद्यार्थियों से अपने चुने हुए क्षेत्रों व व्यवसाय में और अधिक कठिन परिश्रम करने को कहा।विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अशोक सरयाल ने राज्यपाल का स्वागत किया तथा कहा कि विश्वविद्यालय के आठ विद्यार्थी कृषि अनुसंधान सेवा परीक्षा में वैज्ञानिकों के तौर पर चयनित हुए हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने गेहूं उच्च परिशुद्धता प्रजनन के लिए तकनीक विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।दामिनी (बीएससी ऑनर्स), पल्लवी चौहान (बीवीएससी), दिव्या (बीएससी ऑनर्स) चंदन रवि बीएससी (एचएम), विभूति शर्मा बीटेक (खाद्य विज्ञान), दीक्षा (बीएससी) अंजली (पीजी) तथा उर्वि शर्मा (पीएचडी) ने अपने संबंधित विषयों में उच्चतम अंक प्राप्त किए।महाविद्यालय के पूर्व छात्र मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) एवं एचपीपीएससी के अध्यक्ष डी.वी.एस. राणा, शेर-ए-कश्मीर कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. प्रदीप कुमार शर्मा तथा कृषि लागत और कीमत आयोग के अध्यक्ष प्रो. विजय पाल शर्मा को भी राज्यपाल ने सम्मानित किया।इस अवसर पर लेडी गवर्नर दर्शना देवी भी उपस्थित थीं। कृषि मंत्री राम लाल मारकण्डा भी इस अवसर पर मौजूद थे।

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