नये विकसित औद्योगिक क्षेत्रों में खाद्य प्रसंस्करण इकाईंया स्थापित की जाएंगी
जनवक्ता ब्यूरो शिमला
मुख्य सचिव बी.के. अग्रवाल ने आज यहां बताया कि केन्द्र सरकार ने ऊना जिला के पंडोगा तथा कांगड़ा जिला के कंदरौड़ी दो नव विकसित अत्याधुनिक औद्योगिक क्षेत्रों को नाबार्ड की रियायती ऋण योजना के तहत निर्दिष्ट खाद्य पार्कों की समेकित सूची में शामिल किया है। सोलन जिले का बायोटेक्नोलॉजी पार्क ओदुवाल पहले से ही सूची में शामिल है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में मामला खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय की सचिव के साथ पिछले महीने हुई बैठक के दौरान उठाया गया था। भारत सरकार ने अब आग्रह को स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा कि यह राज्य में औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देगा तथा राज्य में और अधिक निवेशकों को आकर्षित करेगा।
उन्होंने कहा कि अधिसूचना के बाद पंडोगा, कंदरौड़ी तथा बायोटेक्नोलॉजिकल पार्क ओदुवाल, फूड पार्क जैसे अत्याधुनिक औद्योगिक क्षेत्र नाबार्ड से रियायती ऋण के लिए पात्र होंगे और साथ ही भारत सरकार की किसान संपदा योजना के तहत परियोजना लागत की 50 प्रतिशत सब्सिडी जो अधिकतम पांच करोड़ रुपये तक होगी, के लिए भी पात्र होंगे।
मुख्य सचिव ने आगे कहा कि ये इकाईयां खाद्य प्रसंस्करण पर राज्य मिशन की योजनाओं के तहत अनुदान के लिए भी पात्र होंगी। उन्होंने कहा कि यह सरपल्स स्थानीय उत्पादों के दोहन में मील का पत्थर साबित होगा क्योंकि ऊना, कांगड़ा तथा सोलन जिलों में किन्नू, लीची, आम, मटर, आलू व टमाटर इत्यादि बागवानी उत्पादों में काफी समृद्ध हैं। उन्होंने कहा कि इससे न केवल राज्य में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।
अग्रवाल ने कहा कि ये अत्याधुनिक औद्योगिक क्षेत्र तथा बायोटेक्नोलॉजी पार्क धर्मशाला में जून 2019 में आयोजित की जाने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर मीट में मुख्य आकर्षण होंगे। इस मीट में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र पर मुख्य रूप से बल दिया जाएगा और मीट के दौरान इस क्षेत्र में क्षेत्रीय सत्रों का आयोजन भी किया जाएगा।
मुख्य सचिव ने कहा कि मंत्रालय ने पहले ही कांगड़ा जिला के सरोल गांव में कृषि संस्करण कलस्टर की स्थापना के लिए मंजूरी प्रदान की है। यह 24 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 10 एकड़ भूमि में स्थापित किया जाएगा और इसमें कुल 400 लोगों को रोजगार की क्षमता सहित दूध शीतल तथा बहुद्देशीय शीत भण्डारण, गोदाम, पास्च्यूराईजेशन, छंटाई, ग्रेडिंग तथा पैकिंग जैसी सुविधाएं होंगी। उन्होंने कहा कि इसमें 56 करोड़ रुपये निवेश की पांच प्रसंस्करण इकाईयां होंगी।
मुख्य सचिव ने कहा कि ये सभी प्रयास स्थानीय लोगों तथा किसानों को लाभान्वित करने तथा उनकी आर्थिकी को सुदृढ़ करने में कारगर सिद्ध होंगे।
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