मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने धर्मशाला में प्रस्तावित रैली स्थल का किया निरीक्षण
जनवक्ता ब्यूरो धर्मशाला
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वर्तमान प्रदेश सरकार के एक वर्ष का कार्यकाल पूरा होने पर धर्मशाला में 27 दिसम्बर, 2018 को आयोजित होने वाली मेगा रैली की शोभा बढ़ाएंगे। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने यह बात आज धर्मशाला में प्रस्तावित रैली स्थलों का निरीक्षण करने के उपरान्त पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रैली के लिए एचपीसीए मैदान, पुलिस मैदान या सेल का स्टेडियम प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित हुए हजारों लोग तथा बड़ी संख्या में लोग इस रैली में भाग लेंगे और इसे एक ऐतिहासिक आयोजन बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस अवसर पर राज्य सरकार की एक वर्ष की उपलब्धियों पर प्रदर्शनी का आयोजन भी किया जाएगा।
जय राम ठाकुर ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता तथा प्रदेशभर से आए लोग रैली में भाग लेंगे और भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय नेता, मंत्रीगण तथा प्रदेश के अन्य नेता इस अवसर की शोभा बढ़ाएंगे।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री किशन कपूर, स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार, राज्य भाजपा अध्यक्ष सतपाल सत्ती, मुख्य सचिव बी.के. अग्रवाल, अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. श्रीकांत बाल्दी, अतिरिक्त मुख्य सचिव लोक निर्माण मनीषा नन्दा, अतिरिक्त मुख्य सचिव पर्यटन राम सुभग सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह मनोज कुमार, प्रधान सचिव ओंकार शर्मा, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव संजय कुंडू तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने उप-निरीक्षक बृज भूषण दत्ता की मृत्यु पर शोक व्यक्त किया
धर्मशाला
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने उप-निरीक्षक बृज भूषण दत्ता, के आकस्मिक निधन पर गहरी संवदेना व्यक्त की है। बृज भूषण दत्ता का आज कालका-शिमला राष्ट्रीय राजमार्ग पर सोलन ज़िले के धर्मपुर में एक सड़क दुर्घटना में देहान्त हुआ। 54 वर्षीय बृज भूषण मुख्यमंत्री मंत्री की सुरक्षा में तैनात थे।
मुख्यमंत्री ने शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए परमपिता परमात्मा से दिवंगत आत्मा की शांति तथा परिवार को इस अपूर्णीय क्षति को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है।
श्री दत्ता मूलतः मण्डी ज़िला के जोगिन्द्रनगर के रहने वाले थे तथा वह शिमला के समीप कुफ्टाधार में रहते थे। वह अपने पीछे माता, पत्नी व तीन बेटियों को छोड़ गए हैं।