बढ़े हुए 3 टन एक्सल लोड पर तय प्रति टन किराये का केवल 20 प्रतिशत ही ट्रक आप्रेटरों को देने का कंपनियों का निर्णय गलत
जनवक्ता डेस्क बिलासपुर
अल्ट्राटैक सीमैंट फैक्टरी बागा में ट्रकों के बढ़े हुए एक्सल लोड के अनुसार पूरा किराया न देने पर वहां उपजे आंदोलन में सहयोग करते हुए बरमाणा के ट्रक आप्रेटरों ने भी ऐलान कर दिया है कि यदि बागा फैक्टरी में ट्रक आप्रेटरों की पूरा किराया दिए जाने की जायज मांग नहीं मानी गई तो 7 दिन के बाद ए.सी.सी. से ट्रक आप्रेटर्ज अपने हजारों ट्रकों के पहिये जाम कर देंगे। बिलासपुर में पत्रकार वार्ता करते हुए ऑल इंडिया रोड ट्रांसपोर्ट वर्कर्ज फैडरेशन की हिमाचल इकाई के प्रदेशाध्यक्ष एवं बी.डी.टी.एस. के पूर्व प्रधान लेखराम वर्मा ने कहा कि जब सरकार ने 9 टन उठाने वाले ट्रकों की आर.सी. को संशोधित कर उन्हें 12 टन भार उठाने के लिए अधिकृत कर दिया है तो इस बढ़े हुए 3 टन एक्सल लोड पर तय प्रति टन किराये का केवल 20 प्रतिशत ही ट्रक आप्रेटरों को देने का कंपनियों का निर्णय गलत है। ये ट्रक आप्रेटरों के साथ अन्याय है जिसे ट्रक आप्रेटर्ज सहन नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि वर्तमान बी.डी.टी.एस. प्रबंधन इस पर भी अपना रुख स्पष्ट करे तथा बैठक बुलाकर हर ट्रक आप्रेटर्ज को कंपनी के साथ हुई बातचीत का ब्यौरा रखे। वहीं बी.डी.टी.एस. के पूर्व महासचिव राजपाल गौतम, सदस्य नीलम चंदेल, अमर ङ्क्षसह चौधरी आदि ने कहा कि ए.सी.सी. कंपनी के साथ बरमाणा में केवल 96 बल्कर ट्रक ही डाले जाने पर समझौता हुआ था लेकिन वर्तमान में ए.सी.सी. सीमैंट फैक्टरी में करीब 450 बल्कर चल रहे हैं। कंपनी ने ट्रक आप्रेटरों के साथ समझौता किया था कि जितने ट्रक सीमैंट लेकर पंजाब जाएंगे उनमें कम से कम 40 प्रतिशत ट्रकों को ए.सी.सी. कंपनी के कच्चे माल को बरमाणा लाने की वापसी मिलेगी लेकिन इन बल्कर ट्रकों के चलते समझौते के अनुसार तय वापसी ाी ट्रक आप्रेटरों को नहीं मिल पा रही है। उन्होंने कहा कि बरमाणा फैक्टरी में ट्राला ट्रकों को लगाने के बारे में हाई कोर्ट शिमला द्वारा दिए गए निर्णय का स मान करते हैं व बी.डी.टी.एस. प्रबंधन से मांग है कि हाई कोर्ट के इस निर्णय की बिल्कुल सही तरीके से व समय बद्ध रूप से अनुपालना किया जाना सुनिश्चित करे। इस निर्णय की आड़ में किसी को अनुचित लाभ या किसी ट्रक आप्रेटर के पेट पर लात मारने का कार्य न करे।