रेणुकाजी बहुद्देशीय बांध परियोजना के लिए हुए समझौता ज्ञापन समारोह
केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी की उपस्थिति में राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्रियों द्वारा समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर
जनवक्ता डेस्क, बिलासपुर
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज नई दिल्ली में गिरि नदी के ऊपरी यमुना तट पर 4596.76 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाली रेणुकाजी बहुद्देशीय बांध परियोजना के लिए हुए समझौता ज्ञापन समारोह में भाग लिया। केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग, जहाजरानी और जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी की उपस्थिति में छह राज्यों राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश/उत्तराखंड, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्रियों द्वारा समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। यह बांध दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और राजस्थान के लिए जल उपलब्धता को बढ़ाएगा। परियोजना द्वारा 40 मेगावाट बिजली अपने चरम पर पैदा होगी। परियोजना को हिमाचल प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा निष्पादित किया जाना प्रस्तावित है। जय राम ठाकुर ने बताया कि चूंकि दिल्ली सरकार द्वारा बिजली घटक की 90 प्रतिशत लागत वहन की जा रही है, इसलिए हिमाचल को केवल 0.30 प्रति यूनिट की दर से लगभग 200 मिलियन यूनिट बिजली प्राप्त होगी। इससे हिमाचल प्रदेश पावर कॉपरेशन लिमिटेड को प्रति वर्ष 60 करोड़ रुपये का शुद्ध राजस्व प्राप्त होगा तथा इसके संचालन के प्रथम वर्ष में राज्य सरकार को 12 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा तथा इस राजस्व के लाभ समय के साथ और अधिक बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि 5000 करोड रुपये से अधिक के निवेश के साथ ही राज्य की अर्थव्यवस्था और विशेष रूप से जिला सिरमौर को बहुत अधिक लाभ होगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने केंद्र के साथ ऊर्जा घटक (पावर कंपोनेंट) की वित्त पोषण (फंडिंग) के मामले को मजबूती से उठाया था, जिसके परिणामस्वरूप दिल्ली सरकार ने पावर हाउस की लागत का 90 प्रतिशत वित्त पोषण पर सहमति व्यक्त की तथा इस परियोजना को तीन महीने के भीतर तेजी से मंजूरी मिली है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बांध के निर्माण के बाद, गिरि नदी का प्रवाह लगभग 110 प्रतिशत बढ़ जाएगा जो दिल्ली और अन्य तटीय राज्यों की पीने की पानी की जरूरतों को कमी के दिनों में कुछ सीमा तक पूरा करेगा। उन्होंने कहा कि इस परियोजना से जलाशय में 49800 हेक्टेयर मीटर (0.498 बीसीएम) का भंडारण होगा और दिल्ली को 23 क्यूसेक्स की जलापूर्ति होगी। परियोजना के सिंचाई/पेयजल घटक की 90 प्रतिशत लागत यानी 3892.83 करोड़ रुपये केंद्र सरकार द्वारा वहन की जाएगी और इस लागत का 10 प्रतिशत यानी 432.54 करोड रुपये तटीय राज्यों-हरियाणा, उत्तर प्रदेश/ उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के मुख्यमंत्रियों द्वारा यमुना नदी से ओखला बैराज तक सतही जल के आवंटन के लिए हस्ताक्षरित हुए समझौता ज्ञापन के अनुसार वहन किया जाएगा। हरियाणा, उत्तर प्रदेश/उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का हिस्सा क्रमशः 47.82प्रतिशत, 33.65 प्रतिशत, 3.15 प्रतिशत, 9.34 प्रतिशत और 6.04 प्रतिशत होगा। परियोजना की जांच और भूमि अधिग्रहण के लिए केंद्र सरकार ने 446.96 करोड़ रुपये, दिल्ली सरकार ने 214.84 करोड़ रुपये और हरियाणा सरकार ने अब तक25 करोड़ रुपये अब तक जारी कर दिए हैं। समारोह में जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और सत्यपाल सिंह, हिमाचल प्रदेश मुख्य सचिव बी. के. अग्रवाल और छह राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।