गुजरात के सूरत में वेसू स्थित अग्रवाल विद्या विहार स्कूल में आयोजित कार्यक्रम
जनवक्ता डेस्क, बिलासपुर
राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि आदर्श मनुष्य का निर्माण बहुत कठिन है लेकिन जरूरी भी है। बुद्धि से लिए गए निर्णय सफलता की ओर और दिल से लिए गए निर्णय बर्बादी की ओर ले जाते हैं। इसलिए विद्यार्थियों को अपने परिजनों की नजर के समक्ष बुद्धि और विवेक से अध्ययन को ही अपना लक्ष्य बनाना चाहिए।
राज्यपाल आज गुजरात के सूरत में वेसू स्थित अग्रवाल विद्या विहार स्कूल में आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। आचार्य देवव्रत ने कहा कि शिक्षक ऐसा चिराग है, जो खुद जलता है और दूसरों को प्रकाशित करता है। शिक्षक को अपना सर्वस्व दाव पर लगाकर विद्यार्थी के सर्वांगीण विकास के लिए हमेशा सतर्क रहना पड़ता है। उन्होंने कहा कि बालक भाषण से नहीं बल्कि माता-पिता, परिवार और समाज के लोगों के अनुकरण से सीखता है। उन्होंने शिक्षकों का आह्वान किया कि वे आधुनिक संस्कृति के साथ-साथ भारतीय संस्कृति को संरक्षित करे और खेल सहित अन्य गतिविधियों से विद्यार्थियों में सुप्त अवस्था में पड़ी शक्ति को बाहर लाएं। उन्होंने विद्यार्थियों को सीख देते हुए कहा कि माता-पिता का गौरव, शिक्षकों का सम्मान और परिवार की इज्जत बढ़ाने के लिए उन्हें प्रयत्नशील रहना चाहिए।
राज्यपाल ने कहा कि प्राकृतिक खेती, गोपालन और जल संचय भविष्य की मांग है। प्राकृतिक खेती में कैंसर, हार्ट अटैक आदि असाध्य रोगों को खत्म करने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि हिमाचल सरकार ने जहरमुक्त खेती को अपनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है और इस पर 25 करोड़ रुपये व्यय किए जा रहे हैं। सरकार ने प्राकृतिक खेती को गंभीरता से अपनाकर वर्ष 2022 तक जहरमुक्त खेती का लक्ष्य निर्धारित किया है। यह लक्ष्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के आह्वान में कारगर साबित होगा। उन्होंने कहा कि 10 वर्षों से प्राकृतिक खेती का उपयोग करने के बाद वह इस पद्धति को अपनाने पर बल दे रहे हैं। इस पद्धति को अपनाने से जहां किसानों की आय भी बढ़ जाएगी वहीं भूमि बंजर होने से बच जाएगी। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया। समारोह में लेडी गवर्नर दर्शना देवी, अग्रवाल विद्या विहार ट्रस्ट के प्रमुख विनोद गोयल, अध्यक्ष प्रमोद चौधरी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।