आज इस शुभ अवसर पर मैं आपके साथ उनसे जुड़े 20 बेहद रोचक तथ्य शेयर कर रहा हूँ । जो संभवतः आप नहीं जानते होंगे ।
अरूण डोगरा रीतू
मुख्य संपादक
1. स्वामी विवेकानंद जी का जन्म 12 जनवरी 1863 को सूर्योदय से 6 मिनट पूर्व 6 बजकर 33 मिनट 33 सेकेन्ड पर हुआ था
2. परिवार के लोगों ने बालक का नाम दुर्गादास रखने की इच्छा प्रकट की, किन्तु माता द्वारा देखे स्वपन के आधार पर बालक का घर का नाम वीरेश्वर रखा गया जबकि उनका आधिकारिक नाम नरेन्द्र नाथ रखा गया ।
3. तमाम चीजों के साथ.साथ उन्हें उनकी ओरेटरी स्किल्ज के लिए जाना जाता है, खासतौर से उन्होंने जो शिकागो में अंग्रेजी भाषण दिया था वह आज भी मशहूर है ।
लेकिन आपको जान के आश्चर्य होगा कि ठ। में स्वामी जी के अंग्रेजी में नंबर 50 के आस.पास ही रहते थे ।
4. बचपन में जब भी स्वामी जी क्रोधित होते तो उनकी माँ भुवनेश्वरी देवी उनके ऊपर ठंडा पानी डालती और कहती ॐ नमः शिवाय का जाप करो३और ऐसा करने से वे शांत हो जाते ।
5. उन्हें जानवरों और चिड़ियों से बहुत प्यार था, लड़कपन में उन्होंने गायए बन्दर, बकरी और मोर पाल रखे थे ।
6. पिता की मृत्यु के बाद उनके परिवार पर घोर गरीबी आ गयी । कई बार स्वामी जी घर में झूठ बोल देते थे कि उन्हें कहीं खाने पर इनवाइट किया गया है, ताकि बाकी लोगों को ठीक से खाना मिल सके ।
7. स्वामी जी देखने में बहुत आकर्षक थे इसलिए कई महिलाएं गलत नियत के साथ उनसे मित्रता करने की इच्छुक रहती थीं पर वे कभी इसके लिए तैयार नहीं हुए। एक बार उन्होंने एक महिला से कहा था.
इन बेकार की इच्छाओं को छोडो और भगवान का ध्यान करो।
8. बीए करने के बाद भी कोई रोजगार ना मिलने से स्वामी जी का भगवान् पर से विश्वास डिग गया था। वो कहने लगे थे. ईश्वर का अस्तित्व ही नहीं है।
9. स्वामी विवेकानंद के चाचा जी तारकनाथ की मृत्यु के बाद उनकी चाची जी ने स्वामी जी के परिवार को उनके पुश्तैनी घर से निकाल और कोर्ट में एक केस कर दिया जो उनके जीवन के अंतिम समय में ही जा कर खत्म हुआ।
10. स्वामी जी बहन जोगेंद्र्बाला ने आत्महत्या कर के अपना जीवन खत्म कर लिया था।
11. खेत्री के महाराज अजित सिंह स्वामी जी की माताजी को गुप्त रूप से निरंतरत 100 रु भेजते रहते थे ताकि वे आर्थिक संकटों से निपट सकें।
12. स्वामी जी अपनी माँ से बहुत प्रेम करते थे और जीवनपर्यंत उनकी पूजा करते रहे।
13. स्वमी जी जब नरेन्द्र से सन्यासी बने तो पहले उनका नाम स्वामी विविदिशानंद था पर शिकागो जाने से पहले उन्होंने अपना नाम विवेकानंद कर लिया।
14. स्वामी जी के मठ में कोई भी महिला प्रवेश नहीं कर सकती थी, यहाँ तक कि उनकी माताजी भी नहीं। एक बार जब एक शिष्य उनकी माताजी को आदरपूर्वक अन्दर ले आया तो स्वामी जी बहुत क्रोधित हो गए थे और कहा था. मैंने नियम बनाया और अब मेरे लिए ही ये नियम तोडा जा रहा है।
15. स्वामी विवेकानंद चाय के शौक़ीन थे उस समय की मान्यताओं के विरुद्ध उन्होंने अपने मठ में चाय पीने की इजाजत दे रखी थी ।
16. एक बार उन्होंने बाल गंगाधर तिलक से सभी के लिए मुगलई चाय बनवाई थी।
17. स्वामी जी को खिचड़ी खाना बहुत पसंद था।
18. स्वामी जी ज़रूरतमंदों की सेवा करने में इतना तल्लीन रहते थे कि वे अपनी सेहत पर ध्यान ही नहीं देते थे। अपने 39 साल के अल्प जीवन में उन्होंने लगभग 31 बीमारियों का सामना किया जिसमे डायबिटीज, अस्थमा, लीवर किडनी का इनफैक्शन व कई अन्य बीमारियाँ शामिल हैं।
19. स्वामी जी लाइब्रेरी से ढेर सारी किताबें ले जाते और अगले दिन ही उन्हें वापस कर देते। इस पर एक बार लाइब्रेरियन ने उनसे किसी किताब से उठा कर कुछ पूछ लिया जो स्वामी जी ने आसानी से बता दिया और लाइब्रेरियन चकित रह गया।
20. स्वामी जी हमेशा कहा करते थे कि वे 40 की उम्र से अधिक नहीं जियेंगे और सचमुच वे 39 साल की उम्र में स्वर्ग सिधार गए।