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प्राकृतिक कृषि है किसानों के लिये लाभ का सौदा :आचार्य देवव्रत

Byjanadmin

Jan 12, 2019

महाराष्ट्र के नंदुरबार के अंतर्गत नवनाथ नगर में आज ‘बीज स्वावलंबन के लिये गठबंधन’ विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन

रसायनिक खेती से किसानों की आर्थिकी मजबूत नहीं की जा सकती

जनवक्ता डेस्क बिलासपुर
महाराष्ट्र के नंदुरबार के अंतर्गत नवनाथ नगर में आज ‘बीज स्वावलंबन के लिये गठबंधन’ विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। यह कार्यक्रम महात्मा फुले कृषि विद्यापीठ, अक्षय खेती संस्थान और डॉं हेडगेवार सेवा समिति के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया था।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि किसानों की आर्थिकी को सुदृढ़ कर ही देश को स्वावलंबन की दिशा में आगे बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि रसायनिक खेती से किसानों की आर्थिकी मजबूत नहीं की जा सकती। मौजूदा समय में रसायनिक खेती ने किसानों की जमीन बंजर बना दी है, उत्पादन घट रहा है और किसान ऋण के बोझ तले आत्महत्या करने को मजबूर है। दूसरी तरफ जैविक कृषि भी इतनी महंगी है कि किसान को इससे भी लाभ नहीं है।
राज्यपाल ने कहा कि पदमश्री सुभाष पालेकर द्वारा किसानों को प्राकृतिक कृषि के तौर पर विकल्प दिया है। पिछले 10 वर्षों से वह स्वयं भी इस पद्धति को गुरुकुल कुरुक्षेत्र के कृषि फार्म में अपना रहे हैं। विभिन्न विश्वविद्यालय में जांच के बाद अब ये सिद्ध हो चुका है कि प्राकृतिक कृषि से ही किसानों की आय दोगुनी की जा सकती है।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने प्राकृतिक कृषि को पूर्ण रूप से अपनाया है और हजारों किसान इसे कर रहे है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 तक हिमाचल को देश का कृषि राज्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
इससे पूर्व, महात्मा फुले विद्यापीठ के कुलपति डॉ. के. पी. विश्वनाथ ने राज्यपाल का स्वागत किया।

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