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न्यायालयों में बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ता प्रदान करने के किए जा रहे प्रयास : न्यायमूर्ति सूर्यकांत

Byjanadmin

Jan 18, 2019

घुमारवीं न्यायिक परिसर में किया 77.09 लाख रूपए की लागत से निर्मित अतिरिक्त भवन का उद्घाटन

जनवक्ता डेस्क बिलासपुर
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने घुमारवीं न्यायिक परिसर में 77.09 लाख रूपए की लागत से निर्मित अतिरिक्त भवन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि न्यायालयों में बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ता प्रदान करने के निरंतर प्रयास किए जा रहे है। उन्होंने बार के सदस्यों से अपील करते हुए कहा कि गरीब पात्र व्यक्तियों को बेहतर न्यायिक सेवाएं प्रदान करना सुनिश्चित करंे। उन्होंने कहा कि मामलों के शीघ्र निपटारे में न्यायपालिका के साथ सहयोग, सहायता प्रदान करें ताकि लोगों के मन में न्यायालयों के प्रति ऐसी धारणा न बने कि उनके मामले सालों से अदालतों में चल रहे हैं।
उन्होंने न्याय के प्रति दूरदर्शी सोच रखने वाले बिलासपुर के पूर्व राजा का उल्लेख करते हुए कहा कि कहा कि भारत के इतिहास में एक उदाहरण है कि यहां के राजा ने न्यायपालिका और कार्यपालिका को स्थाई रूप से अलग करके उनकी अलग-अलग भूमिकाओं का निर्धारण किया। उन्होंने कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि बिलासपुर व घुमारवीं में उन्हीं प्राचीन परम्पराओं व आदर्शों का निर्वहन किया जा रहा है। उन्होंने आग्रह करते हुए कहा कि आने वाले समय में भी इसी कार्यप्रणाली पर निरन्तर कार्य किया जाता रहेगा। । उन्होंने कहा कि यदि कोई भी समस्या हो तो उनके ध्यान में लाई जाए उन समस्याओं को उच्च न्यायालय द्वारा प्राथमिकता के आधार पर लिया जाएगा और सभी समस्याओं का समाधान सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बार और बेंच दोनों की आवश्यकता होगी तो दोनों को जल्द से जल्द उपलब्ध करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि न्यायालयों में लम्बित पड़े मामलों पता लगाया जाएगा कि वह किन कारणों से लम्बित है। उन्होंने कहा कि लम्बित मामलों के समाधान के लिए जिस भी रैंक के अतिरिक्त न्यायिक अधिकारी की आवश्यकता होगी उस रैंक का अतिरिक्त पद सृजित किया जाएगा।
उन्होंने बार ऐसोसिएशन की मांगों पर कहा कि बार एसोसिएशन को कैंटीन के लिए स्थान उपलब्ध करवाया जाएगा। उन्होंने इस संदर्भ में जिला एवं सत्र न्यायाधीश से कहा कि वे बार एसोसिएशन के साथ परामर्श करके इसे अंतिम रूप दें। उन्होंने एसोसिएशन की महिला सदस्यों के लिए अलग शौचालय बनाने के लिए भी आसवश्त किया। और इसका भी ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि न्यायिक परिसर में सभी मूलभूत सुविधाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है ताकि ऐसा वातावरण तैयार हो जहां स्वतंत्र मन से काम किया जा सके और न्यायिक वितरण प्रणाली का हिस्सा और अधिक मजबूत बन सकें।
जिला एवं सत्र न्यायधीश आरके चैधरी ने मुख्य न्यायधीश हिमाचल उच्च न्यायालय तथा अन्य का स्वागत करते हुए कहा जिला बिलासपुर की प्राचीन न्यायिक व्यवस्था व वर्तमान में न्यायिक व्यवस्थाओं के विस्तारीकरण के संदर्भ में विस्तृत रूप से जानकारी प्रदान की।
बार एसोसिएशन के प्रधान संजय शर्मा ने मुख्य न्यायधीश हिमाचल उच्च न्यायालय तथा अन्य का स्वागत करते हुए बार एसोसिएशन को रही समस्याओं के बारे में अवगत करवाया तथा उनके समाधान के लिए आग्रह किया।
इस मौके पर हिमाचल उच्च न्यायालय रजिस्ट्रार जनरल वीरेन्द्र सिंह, जिला उपभोक्ता संरक्षण अध्यक्ष ऊना भुवनेश अवस्थी, अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश घुमारवीं पीआर पहाड़िया, एडीएम श्रवण मांटा, वरिष्ठ सिविल जज एवं अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी घुमारवीं विक्रांत कौंडल, सिविल जज एवं न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी-कोर्ट न0 2, घुमारवीं ऐश्वर्या शर्मा, सिविल जज एवं न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी-कोर्ट न0 3 घुमारवीं ऋषभ कपूर, एसडीएम शशिपाल शर्मा, डिप्टी पुलिस अधीक्षक घुमारवीं राजेन्द्र जसवाल, एसई लोक निर्माण विभाग अजय गुप्ता, अधिशाषी अभियंता एमएल शर्मा, अधिशाषी अभियंता आईपीएच सतीश शर्मा, अधिशाषी अभियंता विद्युत अनिल कुमार सहगल के अतिरिक्त समस्त अधिवक्ता उपस्थित रहे।

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