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समय के साथ तकनीक बदलने वाले ही बाजार में टिकेंगे : चोपडा

Byjanadmin

Jan 20, 2019

किशनपुरा में प्रिंटर्स एसोसिएशन ने लगाया उद्योग जागरूकता शिविर

जनवक्ता ब्यूरो, बददी

हिमाचल प्रिंटर्स एसोसिएशन ने किशनपुरा में उद्योग जागरूकता शिविर का आयोजन किया जिसमें प्रदेश के लगभग चार दर्जन से अधिक प्रिंट उद्योग से जुडे उद्यमियों ने भाग लिया। शिविर का मुख्य उदेश्य किसी भी उत्पाद की पहली सीढी कही जाने वाली प्रिंटिंग प्रणाली के विकास और आधुनिकीकरण पर परस्पर विचार विमर्श करना था। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर पेमैक्स के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमल चोपडा शामिल हुए। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि कहा कि समय की मांग है कि हमें समय के साथ आधुनिक टैक्रोलोजी को अपनाना होगा तभी हम बढती हुई विदेशी प्रतिर्स्पधा का मुकाबला कर सकते हैं। जो प्रिंटर समय के साथ बदल जायेगा वही बाजार में टिकेगा अन्यथा उसका हाल एचएमटी व अन्य लुप्त हो चुकी अपने समय की बडी कंपनियों वाला होगा। इस अवसर पर जेके पेपर मिल्स के हैड अखिलेश कुमार ने पेपर तथा बोर्ड की गुणवत्ता पर बल दिया और कहा कि अगर पेपर अच्छा होता है तो उसपर प्रिंटिंग भी बढिया होती है। अल्पना इन्डिया के अधिकारी अवजय अग्रवाल ने आधुनिक यूवी टैक्रोलोजी से अवगत कराया तथा उर्जा संरक्षण पर बल दिया। रोबस इन्डिया के प्रभारी प्रेम विश्वकर्मा ने कम लागत में अधिक उत्पादन करने की विधि का ज्ञान प्रोजक्टर के माध्यम से दिया। इस अवसर पर प्रिंटटैक के मनोज शर्मा, डायमन्ड पेपर हाउस से एस पी सिंह, हिमाचल प्रिंटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. विक्रम बिन्दल, महामंत्री रमेश शर्मा, कोषाध्यक्ष अनुराग गोडिया, मीडीया प्रभारी विनोद खन्ना, लघु उद्योग भारती के प्रांत कैशियर विकास सेठ, अनुपम अग्रवाल, कमल गोयल, उपाध्यक्ष संजीव अग्रवाल, संयुक्त सचिव गौरव, जय भगवान, मुकेश अग्रवाल आदि चार दर्जन से अधिक प्रिंटर्स ने हिस्सा लिया।

पंजीकरण न करवाने पर जताई हैरानी

हिमाचल प्रिंटर्स एसोसिएशन का दस साल बाद भी पंजीकरण न करवाये जाने पर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमल चोपडा ने प्रांत के पदाधिकरयों की जमकर क्लास ली व हैरानी जताई। उन्होने चिन्ता जाहिर की कि इतने साल बीत जाने के बाद भी किसी भी संस्था का पंजीकरण हो जाना चाहिए था जोकि लोकतन्त्र के हित में होता है। जब हमारी हर गतिविधि का ब्यौरा पारदर्शी होगा और हम संवैधानिक तरीके से कार्य करेंगे तभी हम किसी राष्ट्रीय संस्था का दामन थाम सकेंगे। पंजीकरण से ही सदस्यों का विश्वास संगठन में बढता है।

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