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हिमाचल प्रदेश में शीतजल मत्स्य पालन विकास और चुनौतियों पर राष्ट्रीय स्तर का सम्मेलन 31 जनवरी को लेकव्यू में होगा : सतपाल मैहता

Byjanadmin

Jan 23, 2019

ट्राउट के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले वैज्ञानिक भी लेगें सम्मेलन में भाग

जनवक्ता डेस्क, बिलासपुर
निदेशक एवं प्रारक्षी मत्स्य सतपाल मैहता ने जानकारी देते हुए बताया कि मात्स्यिकी का एकीकृत विकास और प्रबंधन की अधिक क्षमता को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे मात्स्यिकी क्षेत्र में क्रांति कहा है और इसे नीली क्रांति का नाम दिया है। उन्होंने बताया कि नीली क्रांति, अपनी बहु-आयामी कार्यकलापों के साथ-साथ अंतर्देशीय और समुद्री दोनों में जल कृषि और मात्स्यिकी के संसाधनों से मात्स्यिकी उत्पादन और उत्पादकता में बढौतरी पर ध्यान केन्द्रीत करती है। उन्होंने बताया कि इसी उद्ेश्य की प्रतिपूर्ति के लिए मात्स्यिकी विभाग हिमाचल प्रदेश आगामी 31 जनवरी 2019 को बिलासपुर के लेकव्यू होटल में ‘हिमाचल प्रदेश में शीतजल मत्स्य पालन विकास और चुनौतियों पर राष्ट्रीय स्तर का सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सम्मेलन में देश में ट्राउट पालन के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाने वाले राज्यों जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड, सिक्किम, नागालैंड के अतिरिक्त भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद भीमताल, केन्द्रीय मात्स्यिकी प्रौद्यौगिकी संस्थान कोचीन, राष्ट्रीय मात्स्यिकी अनुवांशिक संसाधन व्यूरो लखनउ के अतिरिक्त ट्राउट के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले वैज्ञानिक इस सम्मेलन में भाग लेंगे।
उन्होंने सम्मेलन जानकारी देते हुए बताया कि इस सम्मेलन में विभिन्न राज्यों व अनुसंधान संस्थानों के वैज्ञानिकों के लिए भी चर्चा का एक सत्र रखा गया है जिसमें ट्राउट पालन क्षेत्र में आ रही चुनौतियों और इसके निष्पादन के साथ-साथ इसके विकास पर गहन चर्चा कर के एक रोडमैप तैयार किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि ग्रामीण विकास पशुपालन व मत्स्य पालन मंत्री हिमाचल प्रदेश वीरेन्द्र कंवर सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे व विधायक सदर बिलासपुर सुभाष ठाकुर, विशेष अतिथि होगें जबकि सचिव, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, पशुपालन डेयरी व मात्स्यिकी तरूणा श्रीधर भी विशेष रूप में उपस्थित रहेंगे।
उन्होंने कहा कि इस समय प्रदेश में 10 हजार से अधिक मछुआरा परिवार इस व्यवसाय से जुड़े हैं और विभाग का लक्ष्य 20 हजार परिवारों को जोडने का है ताकि प्रधानमंत्री की घोषणा के अनुरूप किसानों की आय को वर्ष 2022 तक दौगुणा किया जा सके।

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