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नालागढ़ में 26 को होगा आरएसएस प्रशिक्षण वर्ग का समापन

Byjanadmin

Jan 24, 2019

अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख होंगे मुख्य वक्ता

कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे नालागढ़ उद्योग संघ के प्रधान

जनवक्ता ब्यूरो, नालागढ़
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हिमाचल प्रांत द्वारा अवस्थी पोलिटैकनिक में आयोजित संघ शिक्षा वर्ग प्रथम वर्ष प्रशिक्षण वर्ग का समापन 26 जनवरी को नालागढ में होगा। बीस दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग में 362 शिक्षार्थी कडे अनुशासन के बीच शारीरिक व बौद्विक शिक्षण ग्रहण कर रहे हैं। 6 जनवरी से शुरू हुए प्रशिक्षण वर्ग का समापन समारोह 26 जनवरी को दोपहर बाद 2 बजे से 4 बजे तक होगा। इसमें हिमाचल प्रांत के लगभग 350 स्वयंसेवक हिस्सा ले रहे हैं जबकि एक दर्जन बाहरी राज्यों के स्वयंसेवक भी इसमें शामिल है। कडाके की सर्दी की परवाह किये बगैर कडे अनुशासन के बीच सुबह चार बजे से रात्रि दस बजे तक अलग अलग सत्रों में महापुरूषों की जीवनी, भारत का गौरवशाली इतिहास, गुलामी के कारण व देश भक्ति का पाठ पढ रहे हैं व सुबह शाम कडे शारीरिक अभ्यास से भी गुजर रहे हैं। समापन समारोह की अध्यक्षता नालागढ उद्योग संघ के अध्यक्ष एवं उद्योगपति सुबोध गुप्ता करेंगे जबकि अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरूण कुमार मुख्य वक्ता के तौर पर शिरकत करेंगे। वर्ग कार्यवाह डा शिवदयाल ने बताया कि इस समावन अवसर पर पिछले बीस दिन से चल रहे विभिन्न प्रकार के शारीरिक तथा बौद्धिक आयामों का शिक्षार्थियों द्वारा प्रर्दशन किया जायेगा। संघ मूलत: व्यक्ति निर्माण व समाज निर्माण के फार्मूले पर कार्य करते हुए युवकों के संर्वागीण विकास पर बल देता है। अगर हम अपने देश धर्म के प्रति सजग होंगे तो कोई भी बाहरी ताकत या विघटनकारी साजिशें हमारा कुछ नहीं बिगाड सकती। नालागढ़ वार्ड नंबर नौ के आईटीआई मार्ग पर भगवा झंडे लगाए गए हैं और पूरा शहर भगवा रंग में रंगता नजर आ रहा है।
हर गांव से एक दिन में आ रही 4 हजार चपातियां
स्वयंसेवकों का भोजन व्यवस्था कैंप के अंदर ही है लेकिन हर दिन लगभग चार हजार चपातियां रोजाना अलग अलग गांव से पहुंच रही है। संघ का मानना है कि मातृशक्ति व हर घर संघ से जुडे व समझे इसलिए इस सामाजिक कार्य में समाज का सहयोग लिया जाता है। हर गांव व शहर से लोग बंद पैकेटों में चपातियों के पैकेट सार्वजनिक स्थान पर एकत्रित करते हैं और वहां से कार्यकर्ता वर्ग स्थान तक लाते हैं।
24 घंटे है कडा पहरा-परिंदा भी नहीं मार सकता पर
कैंप में शिक्षण के दौरान किसी भी प्रकार का अवरोध न हो या बिना वजह खलल न पडे इसलिए कैंपस के दोनो गेटों पर स्वयंसेवकों कडा पहरा है। किसी को भी अंदर जाने की ईजाजत नहीं है। चूंकि प्रशिक्षण को साधना का ही एक हिस्सा माना जाता है इसलिए कैंपस को पूरी तरह से सील कर दिया जाता है और किसी भी आम खास को रुटीन में अंदर जाने की इजातत नहीं है।

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