जनवक्ता ब्यूरो, शिमला
कार्यवाहक मुख्य सचिव डॉ. श्रीकांत बाल्दी की अध्यक्षता में आज शिमला जिले की तहसील सुन्नी में चाबा (कोल डैम जलाशय) से 69 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से पूरी होने वाली उठाऊ जलापूर्ति योजना, शिमला के कार्यान्वयन पर समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग, शहरी विकास और हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
बैठक में सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस परियोजना की प्रगति/उपलब्धियों को प्रदर्शित करते हुए एक प्रस्तुति दी गई।
बैठक में यह बताया गया कि सरकार ने इस योजना को छह महीने के भीतर पूरा करने का लक्ष्य तय किया है और इस पर युद्ध स्तर पर कार्य चल रहा है। सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर कार्य संतोषजनक ढंग से चल रहा है। वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (डब्ल्यूटीपी) का आधा कार्य और संप वैल (कुआं) का बूस्टर स्टेज पर कार्य पूरा हो चुका है। डब्ल्यूटीपी और पंप हाउस का निर्माण कार्य 15 प्रतिशत तक पूरा कर लिया गया है। फैक्ट्री परिसर में राईजिंग मेन की पाईपों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है तथा भेजने का कार्य शुरू कर दिया गया है और प्राप्ति इस वर्ष 10 फरवरी तक पूरी हो जाएगी तथा पाइपलाइन बिछाने का काम इसके साथ-साथ किया जाएगा। पम्पिंग मशीनरी खरीदने के आदेश भी दे दिए गए हैं।
बैठक में यह भी बताया गया कि माननीय उच्च न्यायालय के स्टे आर्डर के कारण इस मेगा परियोजना की निविदा प्रक्रिया में देरी हुई है। हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड के अधिकारियों ने बिजली की आपूर्ति का काम पूरा करने और साइट पर कम वोल्टेज की समस्या को 31 मार्च तक दूर करने का आश्वासन दिया।
डॉ. श्रीकांत बाल्दी ने युद्धस्तर पर इस परियोजना पर काम शुरू करने के लिए संबंधित विभागों के प्रयासों की सराहना की और कहा कि मुख्यमंत्री ग्रीष्म ऋतु की शुरुआत से पहले इस योजना का कार्य पूरा करना चाहते हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्धारित समयावधि में परियोजना को पूरा करने के लिए साइटों पर काम की गति बढ़ाने के निर्देश दिए।
सचिव सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग देवेश कुमार ने कहा कि आमतौर पर इस तरह की बड़ी परियोजनाओं को पूरा होने में तीन से चार साल का समय लगता है, जबकि विभाग तीन शिफ्टों में काम करके छह महीने के भीतर इस परियोजना को पूरा करने का पूरा प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह योजना शिमला शहर को प्रतिदिन एक करोड़ लीटर अतिरिक्त पेयजल उपलब्ध करवाएगी।
प्रधान सचिव प्रबोध सक्सेना, प्रमुख अभियंता सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य सुमन विक्रांत, प्रबंध निदेशक हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड जे.पी. काल्टा, मुख्य अभियंता सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य एस.के. धीमान, अधीक्षण अभियंता सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य वीरेंद्र ठाकुर, कार्यकारी अभियंता सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग सुन्नी डी.के. लोहिया और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।
–