जनवक्ता डेस्क, बिलासपुर
घुमारवीं विकासखंड की ग्राम पंचायत फटोह के अधिकांश गांव में किसानों के पालतू पशु रहस्यमय बीमारी की चपेट में आ गए हैं । जिसके चलते उन किसानों के कड़कती सर्दी में पसीने छूट गए हैं जिनका आय का साधन मात्र उनके पालतू पशु है । ग्रामीण प्रेम लाल , कृष्ण सिंह , रमेश कुमार , प्रदीप कुमार , नरेश कुमार सहित अनेक ग्रामीणों ने बताया कि उनके दुधारू पशुओं रहस्यमई बीमारी की चपेट में आ गए हैं । उनके पालतू पशुओं ने कुछ दिनों से घास चारा आदि खाना भी बंद कर दिया है तथा उनके मुंह से लगातार झाग टपक रही है । इतना ही नहीं पशुओं के मुंह में छाले आ गए हैं तथा चलने में भी परेशानी आ रहा है तथा जो पशु दूध दे रहे हैं उनके दूध में भी भारी कमी आ गई है । किसानों ने बताया कि पशुओं को तेज बुखार हो रहा है तथा पशु सुख कर कांटा हो रहे हैं । जिसके चलते किसान काफी परेशानी में है ।
समय रहते पशु चिकित्सालय में सूचित किया था
उपरोक्त ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने समय रहते पशु चिकित्सालय में भी कर्मचारियों व अधिकारियों को इस बारे सूचित किया था तथा उन्होंने उनके घरों में आकर पशुओं का उपचार किया था । जिसके लिए किसानों को 500 से ₹1000 तक उपचार पर खर्च करने पड़े थे । लेकिन अभी तक भी पशु स्वस्थ नहीं हुए हैं । जिसके चलते किसानों की परेशानी बढ़ गई है ।
उधर हरलोग पशु औषधालय में तैनात डॉक्टर सुशील कुमार ने बताया कि मामला उनके ध्यान में है
उन्होंने किसानों के पालतू पशुओं को निशुल्क टीके आदि भी लगाए हैं । उन्होंने कहा कि संबंधित कर्मचारियों व अधिकारियों को भी निर्देश दे दिए गए हैं कि वह अपने क्षेत्र में बीमार पशुओं पर नजर रखें तथा लगातार उन्हें इस बारे अवगत कराते रहें । उन्होंने कहा कि जो पशु इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं उनका घर द्वार ही उपचार किया जा रहा है । उन्होंने बताया कि पनोह गांव में ही करीब एक दर्जन लोगों के पालतू पशु इस बीमारी की चपेट में आ गए हैं तथा उनका उपचार जारी है । उन्होंने पशुपालकों को सलाह दी की जो पशु बुखार आदि से पीड़ित है उन्हें अन्य पशुओं से दूर रखें । क्योंकि यह बीमारी पूर्णतया छूत की है। पीड़ित पशु के संपर्क में जो पशु आएगा उसमें भी इस बीमारी के लक्षण पाए जा रहे हैं तथा पशुओं को नरम घास ही खाने को दें । जब किसानों को लगे कि उनका पालतू पशु बीमार हो रहा है तो तत्काल नजदीकी पशु औषधालयओं में संपर्क करें ताकि शुरू में ही पशुओं का उपचार समय रहते हो सके ।