स्वामी दयानंद के मिशन को आगे बढ़ाने की आवश्यकता
जनवक्ता ब्यूरो, रोहतक
राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने लोगों का आह्वान किया कि वेद प्रचार और युवा कार्यकर्ताओं को आर्य समाज से जोड़ने की दिशा में कार्य करें ताकि वेदों और ऋषि दयानंद सरस्वती जी की विचारधारा को आगे बढ़ाया जा सके।
राज्यपाल आज आचार्य बलदेव जी के स्मृति दिवस पर आर्य प्रतिनिधि सभा, हरियाणा द्वारा दयानंद मठ, रोहतक के स्वामी स्वतंत्रानंद बहुद्देश्यीय सभागार में आयोजित प्रांतीय आर्य महासम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे।
आचार्य देवव्रत ने इस बात पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आज आर्य समाज की संस्थाओं से पुराने प्रचारक जा रहे हैं और नये के आने की व्यवस्था नहीं है। सक्रिय प्रचारक न होने के कारण इन संस्थाओं में उत्सव होने बंद हो गए हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि इस के लिए इन संस्थाओं में दो विभाग चलने चाहिये। एक, वेद प्रचार का विभाग और दूसरा, कार्यकर्ताओं का, जैसे आर्य वीरदल। उन्होंने कहा कि गुरुकुल कुरुक्षेत्र, जो उनकी कर्मभूमि रही है, में आज वेद प्रचार का अलग से विभाग स्थापित किया गया है। इसके अलावा, आर्ष विद्यालय और भजनोपदेशक विभाग अलग से स्थापित किये गए हैं। इन संस्थानों में कार्य निःशुल्क रूप से कार्यान्वित किया जा रहा है।
राज्यपाल ने आर्य प्रतिनिधि सभा हरियाणा द्वारा आर्य समाज के प्रसार व प्रचार के लिये किये जा रहे कार्यों के लिये प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इसी तरह युवाओं को आर्य समाज में दीक्षित करें ताकि ये संगठन और मजबूत हो सके। समाज में फैले नशे, अज्ञानता और अंधविश्वास को समाप्त करने के लिये बच्चों में आर्य समाज के संस्कार देने की आवश्यकता है। उन्होंने आचार्य बलदेव जी को याद करते हुए कहा कि आर्य प्रतिनिधि सभा हरियाणा ने उनकी स्मृति पर कार्यक्रम कर सरहानीय कार्य किया है।
उन्होंने कहा कि आर्य समाज का मिशन आगे बढ़ना चाहिये ताकि भावी पीढ़ी वैदिक धर्मी बन सके। उन्होंने हरियाणा आर्य प्रतिनिधि सभा को वेद प्रसहर के लिये चार रथ (वाहन) देने की घोषणा की।
हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य महासम्मेलन में बतौर मुख्यातिथि उपस्थित हुए। उन्होंने भी महासम्मेलन को संबोधित किया।
आर्य प्रतिनिधि सभा, हरियाणा के अध्यक्ष रामपाल आर्य ने राज्यपाल का स्वागत किया तथा सभा की विभिन्न गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी।