बजट में आम जनता के साथ किया गया छलावा
जनवक्ता डेस्क, बिलासपुर
केंद्र सरकार ने अपना आखिरी और अंतरिम बजट पेश किया जी कि एक आम जनता के साथ छलावा मात्र है। यह बात कांग्रेस पार्टी के जिला महासचिव संदीप सांख्यान ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही। उन्होंने कहा कि इस बजट को देख के लगता है कि यह भाजपा की सरकार का अंतरिम बजट नहीं बल्कि अंतिम बजट ही सिद्ध होगा। यह बजट कार्यकारी वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने 2019 चुनावों के मद्देनजर आज संसद भवन में भाजपा का “जुमला पत्र ” जोर-शोर से पढ़ा ताकि लोग 2014 के जुमले भूल जाएं। सांख्यान ने कहा कि इन “सपनों के सौदागरों” को चुनावों के बाद कांग्रेस सरकार 2019-20 का सम्पूर्ण बजट पेश करेगी। यह बजट लोंगो को गुमराह करनेवाला है। इस बजट में एक ही अच्छी चीज है इनकम टैक्स में छूट की लेकिन क्या यह नोटबन्दी के बाद काफी है? सरकार ने 500 रुपये किसानों के खाते में डालेगी, सम्मान से जीने के लिए इतनी रकम क्या काफी है? लेकिन आयकर छूट तो पहले से ही प्रस्तावित थी, नोटबन्दी के बाद से यह आयकर छूट करदाताओं के लिए एक झुनझुना मात्र है। बजट में एक बार फिर से बेरोजगारों से खिलवाड़ किया गया है। बजट में जहाँ बेरोजगारी दर पूर्व सरकार के समय जहाँ 2.1 प्रतिशत थी वहीं अब वर्तमान सरकार के समय 6.2 प्रतिशत हो चुकी है, जिसके लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया है। कुल मिला कर इस बजट में किसानों, छात्रो, माध्यमवर्गीय व गरीबी रेखा के नीचे रह रहे परिवारों को वोटों के लिए ठगा गया है।