अभ्यर्थियों ने आयोग को चार फ़रवरी से क्रमिक अनशन पर बैठने का सौंपा ज्ञापन
जनवक्ता ब्यूरो, हमीरपुर
पोस्ट कोड-556 फिर से चर्चा में आ गया है। लगातार मिलते आश्वासन के चलते अब अभ्यर्थियों के सब्र का बांध टूट चुका है। अब एक बार फिर से अभ्यर्थियों ने हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग के कार्यालय के बाहर धरना दे दिया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि अब वे तब तक आयोग के कार्यालय के बाहर बैठे रहेंगे जब तक जूनियर ऑफिस असिस्टैंट (आई.टी.) 556 का परीक्षा परिणाम घोषित नहीं कर दिया जाता है। शनिवार को कर्मचारी चयन आयोग के सचिव जितेंद्र कँवर को ज्ञापन सौंप आंदोलनकर्ताओं ने रिज़ल्ट में हो रही देरी के विरोध में 4 फ़रवरी से क्रमिक अनशन शुरू करने की चेतावनी दी है ।
पहले भी धरने पर बैठ चुके अभ्यर्थी
जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले भी अभ्यर्थी धरने पर बैठ चुके हैं। अभ्यर्थियों ने 17 दिसम्बर से लेकर 22 दिसम्बर तक आयोग के कार्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन किया था तथा उस समय भी आयोग ने जल्द परीक्षा परिणाम निकालने का आश्वासन दिया था। अभ्यर्थियों का कहना है कि आयोग से मिले आश्वासन को 40 दिनों से अधिक समय बीत चुका है परंतु अभी तक उन्हें आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिल सका है। अभ्यर्थियों का कहना है अब चाहे कोई भी मुश्किल आन पड़े वे धरना-प्रदर्शन जारी रखेंगे।
मुख्यमंत्री से मिलकर भी नहीं निकला कोई हल
वहीं इस मामले में जे.ओ.ए. अभ्यर्थी 24 जनवरी को मुख्यमंत्री से मंडी में भी मिले। वहां से भी उन्हें 2 से 3 दिनों के भीतर कार्रवाई का ही ढांढस बंधाया गया। अभ्यर्थी पहले 28 जनवरी को धरने पर बैठने वाले थे परंतु बीच में 3 छुट्टियां होने से उन्होंने अपना धरना प्रदर्शन स्थगित कर दिया। अब जब वहां से भी कोई भी कार्रवाई अमल न लाए जाने के बाद अभ्यर्थियों का कहना है कि जब तक अंतिम परिणाम घोषित नहीं किया जाता तब कर वे धरने पर बैठे रहेंगे।
कार्मिक विभाग से भी मिल रहीं अलग-अलग जानकारी
जे.ओ.ए. अभ्यर्थी मनीष, अजय शर्मा, अंकुश शर्मा तथा राज ठाकुर का कहना है कि जब कार्मिक विभाग के कुछ अधिकारियों से इस संबंध में पूछा जाता है तो वहां से भी उन्हें अलग-अलग जानकारी मिल रहीं हैं। कुछ कहते हैं कि सरकार की तरफ से 28 जनवरी को ही आयोग को जरूरी निर्देश दे दिए हैं तो कुछ अधिकारियों का कहना है कि 1-2 दिन में आयोग को रिप्लाई दे दिया जाएगा। अभ्यर्थियों का कहना है कि आयोग और कार्मिक विभाग इस विषय पर स्थिति को स्पष्ट नहीं कर रहे हैं और डर है कि जल्दी ही आचार संहिता लगने की वजह से परिणाम 4-6 महीनों के लिए स्थगित हो जाएगा।
लॉ विभाग को भेजा गया है मामला
कर्मचारी चयन आयोग के सचिव जितेंद्र कँवर ने कहा कि उक्त मामले को लॉ विभाग को भेजा गया है क्योंकि जे.ओ.ए.(आई.टी.)556 मामले में हाईकोर्ट व ट्रिब्यूनल कोर्ट से निर्देश दिए गए हैं। सरकार से निर्देश आते ही अगले हफ्ते तक इस मामले में रिज़ल्ट घोषित कर दिया जाएगा ।