कंदरौर में बीते रोज संपन्न हुए जनमंच कार्यक्रम में दलित बस्ती के लोगों का सरेआम किया गया अपमान
कंदरौर पंचायत में पांच वर्ष पुरानी चल रही सड़क लुहणु कनैंता को जनमंच के माध्यम से ही बंद कर दिया
जनवक्ता डेस्क, बिलासपुर
पूर्व विधायक बंबर ठाकुर ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार द्वारा जनता की समस्याओं के निवारण के लिए चलाए गए कार्यक्रम जनमंच में केवल भाजपा समर्थित लोगों को ही तरजीह दी जा रही है जबकि कांग्रेसी व अन्य आम जनता के कार्यों को सूची से बाहर किया जा रहा है। लोकतंत्र में इस प्रकार का भेदभाव कदापि सहन नहीं किया जाएगा, क्योंकि विधायक किसी भी दल का क्यों न हो जीतने के बाद उसे सभी लोगों को एक समान दृष्टि से देखना चाहिए। बंबर ठाकुर ने आरोप लगाया कि कंदरौर में बीते रोज संपन्न हुए जनमंच कार्यक्रम में दलित बस्ती के लोगों का सरेआम अपमान किया गया, इन लोगों ने सड़क की समस्या को लेकर अपनी मांग जनमंच में दर्ज करवाई थी लेकिन ऐन वक्त पर उनकी फाइल को साइड लाइन कर दिया गया तथा किसी भी व्यक्ति को इस बारे में बोलने का मौका तक नहीं दिया गया। बंबर ने कहा कि यदि जनमंच में इस प्रकार का पक्षपात करना होता है तो ऐसी नौंटकी करने की क्या आवश्यक्ता है। कंदरौर पंचायत वार्ड-2 हरिजन बस्ती को भाजपा के नेता द्वारा अवरूद्ध कर दिया गया है। वर्ष 2017 में इस मामले पर एसडीएम सदर द्वारा फैसला भी लोगों के हक में सुनाया गया, यही नहीं 11 बार इस मामले को लेकर निशानदेही की गई लेकिन हैरानी की बात है प्रशासन भी मार्ग को खोलने में नाकाम रहा है। उन्होंने बताया कि लोग लंबे समय से मांग कर रहे हैं कि उन्हें कम से कम जीप योग्य मार्ग दे दिया जाए ताकि मुसीबत के समय लोगों को और परेशानियों से न जूझना पड़े। उन्होंने आरोप लगाया कि कंदरौर पंचायत में पांच वर्ष पुरानी चल रही सड़क लुहणु कनैंता को जनमंच के माध्यम से ही बंद कर दिया गया है। पूर्व विधायक ने कहा कि जनमंच समस्याओं को सुलझाने के लिए होता है न कि समस्याओं को पैदा करने के लिए। इस सड़क की शिकायत को लेकर जब ग्रामीण जनमंच में पहुंचे तो उनकी भी कोई सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि कंदरौर स्कूल से चौक तक की सड़क को अभी तक चौड़ा नहीं किया गया है जबकि बामटा से कंदरौर तक सड़क को दस वर्ष से चौड़ा कर दिया गया है। स्कूल के पास जाम लगा रहता है, जब इस सड़क के चौड़ा न करने का कारण जनमंच में पूछा गया तो टालमटोल की गई। यही नहीं बामटा पंचायत को टीसीपी एक्ट से बाहर करने के प्रस्ताव को भी ठुकरा दिया गया। जबकि बामटा पंचायत केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के समय में टीसीपी एरिया में शामिल की गई। इस पंचायत को बाहर करना तो दूर की बात है रघुनाथपुरा व नौणी पंचायत को भी टीसीपी के दायरे में शामिल कर दिया गया। बंबर ठाकुर ने आरोप लगाया कि कटवाल हरिजन बस्ती का रास्ता भी भाजपा की सोची समझी चाल के तहत बंद किया गया है। उन्होंने कहा कि आगामी लोकसभा चुनावों में जनता भाजपा को इसका करारा जबाव देगी।
ग्राम पंचायत बामटा प्रधान सीमा चंदेल, मारकंड पंचायत प्रधान तृप्ता देवी, बंदला पंचायत प्रधान जय पाल, कंदरौर पंचायत प्रधान कुलदीप धीमान, बल्ह बुल्वाणा पंचायत के पूर्व उपप्रधान केसर सिंह, कटवाल हरिजन बस्ती के जयदेव कटवाल, मनी राम कटवाल आदि ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि जनमंच में जनता की आवाज को दबाने के लिए किए गए प्रयासों की निष्पक्षता से जांच करवाई जाए ताकि लोगों को इस तरह के कार्यक्रमों का लाभ मिल सके।